Karamyogi Scheme प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर राजभाषा विधेयक 2020 सहीत कई योजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें ‘कर्मयोगी योजना (Karamyogi Scheme)’भी शामिल है. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिविल सेवा अधिकारियों की फंक्शनिंग में सुधार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने आज ‘कर्मयोगी योजना (Karamyogi Scheme)’को मंज़ूरी दे दी.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कार्यक्रम चलेगा जिसका नाम ‘कर्मयोगी योजना’ है. उन्होंने आगे कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा। इसका नाम ‘कर्मयोगी योजना’ है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा.
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मिशन कर्मयोगी एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है जिसमें सिविल सेवकों की क्षमता को बढ़ाने पर काम किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अधिकारियों की स्किल बढ़ाना, इस योजना का प्रमुख लक्ष्य होगा. भर्ती होने के बाद कर्मचारियों, अधिकारियों की क्षमता में लगातार किस तरह से बढ़ोतरी की जाए, इसके लिए इस मिशन को शुरू किया गया है.
बता दें कि कर्मयोगी मिशन के तहत अधिकारियों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार प्रशिक्षण के मानकों को तय करन के लिए आयोग का गठन करेगी, जिसके पास अपना संकाय और संसाधन होंगे. इस मिशन का उद्देशय न्यू इंडिया के विजन के साथ जुड़कर भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा को सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ आगे बढ़ाना है. योजना में ‘ऑफ-साइट लर्निंग’ के बजाय ‘ऑन-साइट सीखने’ पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और ई-लर्निंग पर अधिक फोकस होगा.
यह योजना सरकार के दृष्टिकोण पर आधारित है कि आज के समय में एक सिविल सेवक कैसा होना चाहिए . मिशन कर्मयोगी मंत्रालय के अधिकारियों से लेकर सचिवों तक सभी के लिए होंगी. इस मिशन में अधिकारी सेवा के लिए अपने पसंदीदा क्षेत्र का चयन कर सकता है, जहां वह प्रभावी ढंग से अपना काम कर सकता है
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा, ‘एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और अभिनव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी तौर पर रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि एक सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है.
Posted by : Rajat Kumar