प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर यूएई रवाना हो रहे हैं. अन्य कार्यक्रमों के साथ-साथ अबू धाबी में पीएम मोदी नवनिर्मित भव्य हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. यह विदेश में बना अबतक का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. पीएम मोदी के स्वागत के लिए यूएई में भव्य तैयारी की गई है.अपने यूएई दौरे में पीएम मोदी कल यानी 14 फरवरी को बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. वहीं, आज यानी मंगलवार को पीएम मोदी अबु धाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम का नाम अहलान मोदी यानी नमस्कार मोदी रखा गया है. वहीं, खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के समय में थोड़ा बदलाव किया गया है.
थोड़ी देर में पीएम मोदी यूएई रवाना होने वाले हैं. यूएई में पीएम मोदी के स्वागत की भव्य तैयारी की गई है. हालांकि खराब मौसम के कारण कार्यक्रम में व्यवधान आ सकता है. दरअसल संयुक्त अरब अमीरात में बीती रात जोरदार बारिश हुई. बारिश से यातायात जाम के साथ जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई जिसके कारण ‘अलहान मोदी’ कार्यक्रम को छोटा करने का फैसला किया गया. वहीं, अबु धाबी में आज हिंदू प्रवासियों को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. पीएम मोदी ने लिखा कि हमें अपने प्रवासी भारतीयों और दुनिया के साथ भारत के जुड़ाव को गहरा करने के उनके प्रयासों पर बहुत गर्व है. आज शाम मैं अहलान मोदी कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात के भारतीय प्रवासियों के बीच शामिल होने के लिए उत्सुक हूं! इस यादगार अवसर में अवश्य शामिल हों.
We are very proud of our diaspora and their efforts to deepen India’s engagement with the world. This evening, I look forward to being among UAE’s Indian diaspora at the #AhlanModi programme! Do join this memorable occasion. https://t.co/CmyTBalEyY
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2024
साल 2017 में अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर निर्माण के लिए 27 एकड़ जमीन उपहार में दी. 11 फरवरी 2018 को पीएम मोदी ने इसका शिला-पूजन किया था. 2019 में इस मंदिर ने मैकेनिकल प्रोजेक्ट्स ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता था. इसके बाद से इस मंदिर की भव्यता की लोग कायल हो गये और इसके पूरा होने का इंतजार करने लगे. अब यह मंदिर बन कर तैयार है और इसका उद्घाटन कल यानी बुधवार को पीएम मोदी कर रहे हैं. 27 एकड़ जमीन में फैले इस मंदिर में बेहद नाजुक, भव्य और शानदार नक्काशी की गयी है. मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से हुआ है. जिसे राजस्थान से मंगाया गया है. इसके निर्माण में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया है. मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के नेतृत्व में हुआ है.
बीएपीएस हिंदू मंदिर का निर्माण 27 एकड़ जमीन पर किया गया है. यह 108 फीट ऊंचा है. इसमें 12 गुंबद पिरामिड की आकृति में बने हैं. मंदिर में 7 शिखर और 410 स्तंभ हैं. 1000 साल तक मंदिर जस-का-तस रहेगा. मंदिर में 40,000 घन मीटर संगमरमर लगे हैं. जबकि, 180 हजार घन मीटर बलुआ पत्थर इस्तेमाल किए गए हैं. इसमे 18 लाख ईंट लगे हैं. सुरक्षा के लिहाज से मंदिर में 100 सेंसर लगे हैं. मंदिर की नींव में भूकंपीय गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए यंत्र लगे हैं. वहीं मौसम पर नजर रखने के लिए 350 से अधिक सेंसर लगाये गये हैं.
बीएपीएस हिंदू मंदिर की डिजाइन वैदिक वास्तुकला से प्रेरित है. इसके तल में अभिषेक मंडपम है. राम मंदिर की तरह ही लोहे और स्टील का नहीं किया गया है इस मंदिर में उपयोग. इंटरलॉकिंग पद्धति से संगमरमर के विशाल शिलाओं की फिटिंग की गई है. शिव पुराण, भागवत पुराण की कहानियों पर इसकी नक्काशी की गई है. स्वामीनारायण, वेंकटेश्वर और अय्यप्पा के जीवन का चित्रण प्रस्तुत किया गया है. स्वामी नारायण हिंदू मंदिर के भव्य गुंबदों को सद्भाव का गुंबद कहा जा रहा है. यह गुंबद पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व अंतरिक्ष को प्रदर्शित करता है. यहां एक झरना है, जो गंगा, यमुना और सरस्वती के स्रोत का है प्रतीक है.
बीएपीएस हिंदू मंदिर में स्वामीनारायण, अक्षर-पुरुषोत्तम, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, राधा-कृष्ण, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अय्यप्पा की प्रतिमा रखी गई है. मंदिर की दीवारों पर रामायण की अलग-अलग कहानियों की नक्काशी की गयी है. जिसमें भगवान राम का जन्म, सीता स्वयंवर, राम वन गमन, लंका दहन, राम-रावण युद्ध और भरत-मिलाप जैसे प्रसंगों के दृश्यों को बड़ी ही खूबसूरती से उकेरा गया है. मंदिर में हाथी के सुंदर दृश्य भी उकेरे गये हैं, जो भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं. एक तरफ ऊंट हैं, जो कि अरबी संस्कृति को दर्शा रहा है.