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कृषि बिल के विरोध के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने बढ़ाया गेहूं पर एमएसपी

नयी दिल्ली : किसानों से जुड़े दो बिल को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में किसानों का प्रदर्शन जारी है. विपक्ष का कहना है कि इस दोनों बिल के पास हो जाने से किसानों के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को केंद्र सरकार खत्म कर देगी. लेकिन सरकार ने रविवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि कृषि मंडी और एमएसपी को खत्म नहीं किया जायेगा. आज सोमवार को संसद में किसानों को बड़ा सौगात देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 6:34 PM

नयी दिल्ली : किसानों से जुड़े दो बिल को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में किसानों का प्रदर्शन जारी है. विपक्ष का कहना है कि इस दोनों बिल के पास हो जाने से किसानों के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को केंद्र सरकार खत्म कर देगी. लेकिन सरकार ने रविवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि कृषि मंडी और एमएसपी को खत्म नहीं किया जायेगा. आज सोमवार को संसद में किसानों को बड़ा सौगात देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि एमएसपी, एपीएमसी बनी रहेगी, सरकारी खरीद होती रहेगी और इसके साथ किसान जहां चाहें अपने उत्पाद बेच सकेंगे. सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.

कृषि से जुड़े दो बिल के पास होने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन विधेयकों को किसानों के खिलाफ ‘मौत का फरमान’ बताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे खून के आंसू रुलाता है. राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के खिलाफ मौत का फरमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है.’

पीएम मोदी ने कहा कि अब कृषि मंडियों के भविष्य को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. ‘लेकिन मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं. कृषि मंडी में पहले काम जैसे होता था, अब भी वैसे ही होगा. बल्कि यह हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है.’

कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र में इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए यह लोग अब एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हुए हैं. ये वही लोग हैं जो बरसों तक एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अपने पैरों के नीचे दबा कर बैठे रहे.

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उन्होंने कहा, ‘मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि एमएसपी की व्यवस्था जैसे पहले चलती आ रही थी वैसे ही चलते रहने वाली है.’ वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दो अहम कृषि विधेयकों का राज्यसभा में पारित होना देश के कृषि क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व युग का प्रारंभ है. उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘आज संसद में कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमारे किसानों के समग्र विकास एवं कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के प्रति उनके अटूट संकल्प को दर्शाता है. यह भारत के कृषि क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व युग का प्रारंभ है.’

उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को रविवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत मंजूरी दे दी. ये विधेयक लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके हैं. इस प्रकार इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई है, जिन्हें अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जायेगा और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने पर इन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा.

Posted By: Amlesh Nandan.

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