कोरोना वायरस के खिलाफ जंग मोदी सरकार ने विल पावर से लड़ा, मृत्यु दर सिर्फ 1.36%, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा हमारे देश में एक मिलियन पर 25,000 केस सामने आये और 340 लोगों की मौत हुई है. यह पूरी दुनिया में सबसे कम है.
भारत में कोरोना वायरस के अबतक 3.46 करोड़ मामले सामने आये हैं और 4.6 लाख लोगों की मौत हुई है. यह कुल केस का 1.36 प्रतिशत है. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में कही.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा हमारे देश में एक मिलियन पर 25,000 केस सामने आये और 340 लोगों की मौत हुई है. यह पूरी दुनिया में सबसे कम है. कोरोना काल में वेंटिलेटर्स की मांग बढ़ी और केंद्र सरकार ने 50 हजार वेंटिलेटर्स राज्यों को दिये.
There was a time when it took 3 yrs for approval if someone did research on a vaccine. So, nobody used to do research. We scrapped those rules and the nation got vaccine after research within a year – this facility has been given by PM Modi: Union Health Minister in LS#COVID19 pic.twitter.com/FEj0mknhfX
— ANI (@ANI) December 3, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल से मोदी सरकार ने कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए काफी काम किया है. स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की अनदेखी करने वाली पिछली सरकारों को दोष दिये बिना मोदी सरकार ने परिणामों के लिए काम किया. पिछले दो साल में हुए कार्यों को देखें तो आपको पता चलेगा कि मोदी सरकार ने इच्छाशक्ति से काम किया शक्ति से नहीं.
कोरोना पर हुई चर्चा का का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले ऐसा होता था कि अगर कोई वैक्सीन पर रिसर्च करना चाहे तो उसे तीन साल तक एप्रूवल का इंतजार करना पड़ता था, यही वजह थी कि कोई रिसर्च करना ही नहीं चाहता था. हमने ऐसे नियमों को हटाया जिसकी वजह से देश को एक साल के अंदर कोरोना वायरस का वैक्सीन मिला. यह मोदी सरकार द्वारा रिसर्च के लिए दी गयी सुविधा का परिणाम है.
देश में कोरोना वायरस का पहला केस 13 जनवरी 2020 को सामने आया था लेकिन हमने निगरानी समिति की बैठक आठ जनवरी 2020 को थी, इसका अर्थ यह है कि हम कोरोना वायरस के खतरे को लेकर अलर्ट थे और उसपर काम कर रहे थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज जानकारी दी है कि देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट का प्रभाव टीकाकरण की वजह से कम हो सकता है. साथ ही दूसरी लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रसार की वजह से 70 से 80 प्रतिशत लोगों में एंडीबॉडीज है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रोन वैरिएंट को चिंता का वैरिएंट बताया है, लेकिन अभी तक इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी वैज्ञानिकों के पास नहीं है.