लोकतंत्र, हमेशा से गवर्नेंस के साथ मतभेदों को सुलझाने का माध्यम रहा है, नये संसद भवन की नींव रखने के बाद बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये संसद भवन की नींव रखी. इस कार्यक्रम में उन्होंने पुराने संसद भवन के महत्व, इतिहास और देश के लोकतंत्र की चर्चा की उन्होंने कहा, आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नये भवन को बनाएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2020 3:40 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये संसद भवन की नींव रखी. इस कार्यक्रम में उन्होंने पुराने संसद भवन के महत्व, इतिहास और देश के लोकतंत्र की चर्चा की उन्होंने कहा, आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नये भवन को बनाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर इतिहास का भी जिक्र किया और पुराने संसद भवन से जुड़ी देश की यादों का भी जिक्र किया उन्होंने कहा, हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है। बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया.

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देश को वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है. ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले. इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है. नया संसद भवन भी देश के लिए कितना महत्वपूर्ण होगा इस तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा.

आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है. आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है. भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है. भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है.भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है.

लोकतंत्र का जिक्र करते हुए प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन की तरफ भी संकेत दिये उन्होंने कहा, भारत में लोकतंत्र, हमेशा से ही गवर्नेंस के साथ ही मतभेदों को सुलझाने का माध्यम भी रहा है. मतभेद के लिए हमेशा जगह हो लेकिन हम कभी अलग ना हों , इसी लक्ष्य को लेकर हमारा लोकतंत्र आगे बढ़ा है.

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प्रधानमंत्री ने कहा, राष्ट्र के विकास के लिए राज्य का विकास, राष्ट्र की मजबूती के लिए राज्य की मजबूती, राष्ट्र के कल्याण के लिए राज्य का कल्याण. इस मूलभूत सिद्धांत के साथ काम करने का हमें प्रण लेना है. इस मंच से पीएम मोदी ने एकता की, लोकतंत्र की बात की उन्होंने देश के विकास का जिक्र करते हुए कहा, हमें संकल्प लेना है… ये संकल्प हो भारत पहले ( India First) का.

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