Rashtriya Jal Jeevan Kosh : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘जल जीवन मिशन के 2 वर्ष’ मोबाइल एप का विमोचन किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने ग्राम पंचायतों से बात की और लोगों से पानी बचाने की अपील की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पानी की एक एक बूंद का महत्व होता है. लोगों का जीवन आसान बनाने का लक्ष्य हमारा है. पानी के मूल्य को हमें समझने की जरूरत है. इसका मूल्य वही समझता है जो इसके आभाव में रहता है.
आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी का उपयोग प्रसाद की तरह करना चाहिए. हमें पानी के बचाव के लिए काम करना होगा. इसके लिए सभी को प्रयास करने की जरूरत है. पानी के संचयन के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा. बारिश के पानी के बचाव पर काम करने की जरूरत है. अपने संबोधन की शुरूआत में पीएम मोदी ने कहा कि पूज्य बापू और लालबहादुर शास्त्री दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे. मुझे इस बात की खुशी है कि आज के दिन देशभर के लाखो गांवों के लोग ग्राम सभाओं के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं. ऐसे अभूतपूर्व और राष्ट्रव्यापी मिशन को इसी उत्साह, उर्जा से सफल बनाया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है. ये विकेंद्रीकरण का भी एक बहुत बड़ा मूवमेंट है. इसका मुख्य आधार जन आंदोलन और जनभागीदारी है. जल जीवन मिशन को अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए आज कई और कदम भी उठाए गए हैं.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने एक आदत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे होते हैं जो बाल्टी को नल के नीचे लगाकर सो जाते हैं. ऐसा इसलिए करते हैं ताकि जब सुबह नल से पानी आये तो उनकी नींद टूटे जाए. यानी वे अलार्म के रूप में इसे यूज करते हैं जिससे पानी की बर्बादी होती है. कई लोग तो ऐसे हैं जो हजारों लीटर पानी बहा देते हैं जो सड़क पर बहते हैं. ऐसे मैंने कई बार देखा है. ऐसे वाक्यों का जिक्र मैंने अपने मन की बात में भी किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के शहर और गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं. करीब 2 लाख गांवों ने अपने यहां कचरा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है. 40 हजार से ज़्यादा ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है। खादी की बिक्री भी कई गुना ज़्यादा हो रही है.
Posted By : Amitabh Kumar