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G-20 कृषि बैठक में बोले नरेंद्र सिंह तोमर- कुपोषण और भुखमरी से लड़ने के लिए उठाया यह कदम

G-20 कृषि बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बायोफोर्टिफाइड-किस्में सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर मुख्य आहार का स्रोत हैं और उन्हें कुपोषण को दूर करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है.

नयी दिल्ली: जी-20 देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर ने दुनिया को बताया कि भारत किस तरह से कुपोषण से लड़ रहा है. कुपोषण से जंग के लिए भारत ने किन रणनीतियों पर काम शुरू किया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को जी-20 देशों की कृषि बैठक में कहा कि भारत मोटे अनाज जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए गंतव्य देश बन रहा है. सरकार कुपोषण को दूर करने के लिए बायोफोर्टिफाइड किस्मों को बढ़ावा दे रही है.

बायोफोर्टिफाइड किस्मों का मतलब, फसलों की उन किस्मों से हैं, जिनमें अलग-अलग प्रक्रियाओं की मदद से सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ायी जाती है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया है. उन्होंने जी-20 देशों से पोषण और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए 2023 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने में मदद करने का आग्रह किया.

जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक अक्टूबर में इटली में होने वाले जी20 लीडर्स समिट 2021 के हिस्से के रूप में आयोजित किये जा रहे मंत्रिस्तरीय बैठकों में से एक है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘भारत सरकार ने लोगों के आहार में बाजरा, अन्य पौष्टिक अनाज, फल एवं सब्जियां, मछली, डेयरी और जैविक उत्पादों सहित पारंपरिक खाद्य पदार्थों को फिर से शामिल करने पर जोर दिया है. हाल के वर्षों में भारत में उनका उत्पाद अभूतपूर्व रहा है और भारत स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए एक गंतव्य देश बन रहा है.’

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श्री तोमर ने कहा कि बायोफोर्टिफाइड-किस्में सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर मुख्य आहार का स्रोत हैं और उन्हें कुपोषण को दूर करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. विभिन्न फसलों की ऐसी लगभग 17 किस्मों का विकास किया गया है और उनकी खेती की जा रही है. केंद्रीय मंत्री ‘शून्य भूखमरी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना: कृषि मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित सफल परियोजनाएं’ विषय पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे.

भारत समेत 40 देशों में भुखमरी का संकट

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंहतोमर ने इस बात पर जोर दिया कि देश की आजादी के बाद भारतीय कृषि ने बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र कोविड महामारी के दौरान भी अप्रभावित रहा. ज्ञात हो कि अक्टूबर, 2020 में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में कहा गया था कि भारत समेत दुनिया के 40 देशों में भुखमरी की स्थिति है.

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…तो हर दिन तीन लाख लोगों की भूख से होगी मौत

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107 देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर था. सूची में शामिल कम से कम 11 देशों में गंभीर खाद्यान्न संकट की बात कही गयी थी. अलग-अलग संगठन समय-समय पर दुनिया में बढ़ रही भुखमरी की समस्या के बारे में वैश्विक संस्थानों को आगाह करते रहे हैं. कोरोना संकट के दौरान संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने आगाह किया कि अगर जल्द उचित कदम नहीं उठाये गये, तो हर दिन दुनिया भर में कम से कम 3 लाख लोगों की भूख से मौत होगी.

Posted By: Mithilesh Jha

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