महाराष्ट्र के सियासत पर नरोत्तम मिश्रा बोले, पहली दफा हिंदुत्व के लिए एक सरकार गिर गई, देश बदल रहा है
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि महाराष्ट्र वह राज्य है जहां पहली बार हिंदुत्व के नाम पर कोई सरकार गिरी है. हनुमान चालीसा का ही प्रभाव है कि चालीस दिन में चालीस विधायक चले गए.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने गुरुवार को कहा कि हनुमान चालीस के प्रभाव से देश में पहली दफा हिंदुत्व के लिए एक सरकार गिर गई, क्योंकि देश बदल रहा है. उनका इशारा महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार की ओर था. मिश्रा ने महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर यहां पत्रकारों को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमारा देश बदल रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि हिंदुत्व के नाम पर एक सरकार गिर गई.
मेरा देश बदल रहा है..
महाराष्ट्र वह राज्य है जहां पहली बार हिंदुत्व के नाम पर कोई सरकार गिरी है।
संजय राउत जी आपके विधायक अगवा नहीं भगवा हो गए थे। हनुमान चालीसा का ही प्रभाव है कि चालीस दिन में चालीस विधायक चले गए। pic.twitter.com/KuZ8vPo8Ac
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) June 30, 2022
विधायक अगवा नहीं भगवा हो गए- मिश्रा
उद्धव ठाकरे सरकार का पतन हनुमान चालीसा का प्रभाव है कि 40 दिनों में चालीस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत के बयान का जिक्र करते हुए मिश्रा ने तुकबंदी के साथ कहा कि वह राउत साहब बता रहे थे कि विधायक अगवा हो गए, जबकि तथ्य यह है कि विधायक भगवा हो गए. एक सवाल के उत्तर में मिश्रा ने कहा कि लोगों को मध्य प्रदेश में कांग्रेस या महाराष्ट्र में शिवसेना जैसी पार्टियों के नेताओं से पूछना चाहिए कि उनके विधायकों ने उन्हें क्यों छोड़ दिया.
क्या है हनुमान चालीसा का मामला
गौरतलब है कि निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक-पति रवि राणा को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जब दंपति ने घोषणा की थी कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता नाराज थे.
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फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे ने दिया इस्तीफा
सियासी उठापटक के बीच बुधवार को उद्धव ठाकर ने फेसबुक लाइव पर इस्तीफे का ऐलान किया. इसके बाद ठाकरे मातोश्री से राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह केश्यारी को अपना इस्तिफा सौंपा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट को लेकर फैसला सुनाया था. लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया.