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कोरोना की तीसरी लहर में शिशुओं और बच्चों को होगी ज्यादा दिक्कत, राष्ट्रीय बाल आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर किया ये अनुरोध

National Commission For Protection Of Child Rights Writes To Union Health Secretary देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते कुछ दिनों से कमी दर्ज की जा रही है. कई राज्यों में लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाए जाने के बाद से संक्रमण के मामलों में गिरावट आने की खबरें सामने आ रही है. वहीं, लोगों के बीच अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ गयी है. दरअसल, तीसरी लहर में असर बच्चों पर सबसे ज्यादा होने की आशंका जतायी जा रही है. इसी बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा है.

National Commission For Protection Of Child Rights Writes To Union Health Secretary देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में बीते कुछ दिनों से कमी दर्ज की जा रही है. कई राज्यों में लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाए जाने के बाद से संक्रमण के मामलों में गिरावट आने की खबरें सामने आ रही है. वहीं, लोगों के बीच अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ गयी है. दरअसल, तीसरी लहर में असर बच्चों पर सबसे ज्यादा होने की आशंका जतायी जा रही है. इसी बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपने पत्र लिखा है कि आने वाली तीसरी लहर में शिशुओं और बच्चों को ज्यादा दिक्कते होगी. इसके मद्देनजर बच्चों और नवजात शिशुओं के लिए उपयुक्त आपातकालीन परिवहन सेवाओं और एम्बुलेंस के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया. वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव को पत्र लिखकर कोरोना से ग्रस्त बच्चों के इलाज और क्लिनिकल मैनेजमैंट के लिए दिशानिर्देशों को साझा करने का अनुरोध किया है.

राष्ट्रीय बाल आयोग ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया है, जो एनसीपीसीआर द्वारा विकसित ऑनलाइन फॉर्म पर राज्य का डेटा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा. वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में महामारी की तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने एक अहम चेतावनी जारी की है. इसके मुताबिक, अगर देश में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज नहीं किया गया, तो छह से आठ महीनों के भीतर ही कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है. इसी के मद्देनजर वैज्ञानिकों ने लोगों से कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर बताए गए नियमों का पालन किए जाने पर भी जोर दिया है.

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