National Highway: भूमि अधिग्रहण के कारण बिहार में कई सड़क परियोजना में हो रही है देरी
बिहार में हाल के वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी कई परियोजना को मंजूरी दी गयी. कई परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही है. इसकी वजह भूमि अधिग्रहण में देरी, वन मंजूरी, आवश्यक चीजों को हटाने में देरी है.
National Highway: देश में हाल के वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग का तेजी से विकास हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास और रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है. बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना भूमि अधिग्रहण में देरी, वन मंजूरी, आवश्यक चीजों को हटाने और अन्य कारणों से आगे नहीं बढ़ पा रही है. कटिहार में बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के समक्ष भी यही समस्या है. बिहार में 21 नये टाेल प्लाजा के स्थापना का प्रस्ताव है. पिछले 10 साल में बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण और चौड़ीकरण का काम किया गया है.
इसमें 301 करोड़ की लागत से भागलपुर बायपास, एनएच 104 के 40 किलोमीटर सड़क को सिंगल लेन से डबल लेन बनाने, मुंगेर में गंगा नदी पर 14 किलोमीटर लंबा रेल एवं सड़क पुल का निर्माण सहित कई राष्ट्रीय राजमार्ग को टू लेन से फोर लेन बनाने सहित कई पुराने हो चुके पुलों का निर्माण किया गया है. कई राष्ट्रीय राजमार्ग को राज्य के राजमार्ग से जोड़ने के लिए सड़क, कई जिलों में प्लाईओवर का निर्माण किया गया है.
बिहार में मंजूर की गयी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना
बिहार में दरभंगा-बनवारी पट्टी के बीच 527 बी राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14.95 किलोमीटर लंबी सड़क को चार लेन बनाने, सीवान में राष्ट्रीय राजमार्ग 227ए के 40 किलोमीटर हिस्से को चार लेन करने, 20 किलोमीटर लंबा चौसा-बक्सर के बीच बाईपास बनाने, भागलपुर-ढाका मोड़ तक चार लेन सड़क का निर्माण, बक्सर में गंगा पर तीन लेन का अतिरिक्त पुल बनाने, पूर्णिया से पटना के बीच 270 किलोमीटर लंबा 6 लेन सड़क बनाने सहित अन्य योजनाओं को मंजूरी दी गयी है.
इसके अलावा मौजूदा समय में 73 राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. जिसमें भागलपुर में गंगा नदी पर मौजूदा पुल के समानांतर एक नये पुल का निर्माण, वाराणसी से औरंगाबाद तक 6 लेन सड़क, दानापुर से बिहार से 4 लेन एलिवेटेड सड़क का निर्माण शामिल है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.