नयी दिल्ली : पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर पिछले साल फरवरी में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के बडगाम निवासी मोहम्मद इकबाल राथेर (25) ने अप्रैल, 2018 में घुसपैठ कर जम्मू क्षेत्र में पहुंचे जैश-ए- मोहम्मद के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक की आवाजाही में कथित रूप से मदद की थी.
NIA Arrests One More Accused in Pulwama Attack Case (RC-02/2019/NIA/JMU) pic.twitter.com/eiOCqZ5ABd
— NIA India (@NIA_India) July 2, 2020
फारूक पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन का सदस्य और पुलवामा हमले का मुख्य सरगना है. उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले में उपयोग के लिए फारूक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर आईईडी तैयार किए थे.
अधिकारी ने बताया कि राथेर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक अन्य मामले में सितंबर, 2018 से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है. इस मामले की जांच भी एनआईए कर रही है. उन्होंने बताया कि जेल अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को राथेर को विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया। अदालत ने उसे पूछताछ के लिए सात दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया.
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गये थे. यह हमला जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के अवन्तिपोरा के निकट लेथपोरा इलाके में हुआ था.
आतंकियों को पहले से ही सुरक्षाबलों के काफिले के गुजरने की खबर थी. इस हमले में एक आतंकी ने एक गाड़ी का इस्तेमाल किया, जिसमें विस्फोटक रखे थे. आतंकियों ने उसी गाड़ी को निशाना बनाया था, जिसमें सबसे ज्यादा जवान सवार थे.
आतंकियों ने घटना को अंजाम देने के लिए 300 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया था. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली थी. हमलावर आदिल अहमद डार उर्फ आदिल अहमद गादी ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को सीआरपीएफ के काफिले में टक्कर मार दिया था. अहमद डार काकापोरा का निवासी था, जो एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था.
पुलवामा आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी को तड़के एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में बालाकोट नाम की जगह पर चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को तबाह कर दिया था. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किये गये इस ऑपरेशन का कोडनेम था ‘ऑपरेशन बंदर’.
वायु सेना ने 12 मिराज-2000 फाइटर जेट को पाकिस्तान के बालाकोट में हमले के लिए भेजा था. हमले में जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 250 से अधिक आतंकवादी इस हमले में मारे गये थे. सूत्रों की मानें, तो 26 फरवरी को 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी. ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाये.
posted by – arbind kumar mishra