उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में उड़ान सेवाओं के लिए तैयार है नैनी सैनी एयरपोर्ट, चीन सीमा से महज 50 किमी है दूर

पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत करने के लिए डीजीसीए की ओर से उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को इस एयरपोर्ट का लाइसेंस दे दिया गया है, जो फिलहाल इस पहाड़ी एयरपोर्ट का प्रबंधन कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2023 5:43 PM
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पिथौरागढ़ : चीन की सीमा से महज 50 किलोमीटर वायुमार्ग की दूरी पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में नैनी-सैनी एयरपोर्ट से विमान जल्द ही उड़ान भरना शुरू कर देंगे. देश के अन्य पर्वतीय स्थलों में से एक उत्तराखंड का यह एयरपोर्ट अपने आप में अनोखा है. खबर है कि चीन की सीमा से करीब 50 किमी की हवाई दूरी पर पिथौड़ागढ़ में नैनी सैनी एयरपोर्ट अब जल्द ही उड़ान सेवाओं के लिए खोला जा सकता है, जो उत्तराखंड के दूरस्थ इस पहाड़ी क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का काम करेगा.

डीजीसीए ने जारी किया लाइसेंस

खबर यह भी है कि पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को इस एयरपोर्ट का लाइसेंस दे दिया गया है, जो फिलहाल इस पहाड़ी एयरपोर्ट का प्रबंधन कर रहा है. इस बात की पुष्टि करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह उत्तराखंड खासकर कुमाऊं क्षेत्र में हवाई संपर्क को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ के इस एयरपोर्ट के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं.

1991 में बने एयरपोर्ट पर उतरता है पवन हंस हेलीकॉप्टर

इससे पहले, उत्तराखंड के मंत्रिमंडल की ओर से रणनीतिक तौर पर पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट को सौंपने की मंजूरी दे दी गई थी. बताया जा रहा है कि इस एयरपोर्ट से सबसे पहले भारतीय वायुसेना की ओर से व्यावसायिक उड़ानें शुरू की जाएंगी. हालांकि, वर्ष 1991 में बने इस हवाई अड्डे का संवालन उत्तराखंड के नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से किया जाता है. यह एयरपोर्ट 1,508 मीटर लंबा है और अभी तक सरकार के स्वामित्व वाले पवन हंस के हेलीकॉप्टरों को लैंडिंग और टेकऑफ करने के लिए किया जाता रहा है, जो नियमित तौर पर नहीं किया जाता. अब जबकि इस एयरपोर्ट का संचालन व्यावसायिक उड़ानों के लिए शुरू कर दिया जाएगा, तो लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और पिथौरागढ़ के पर्वतीय इलाकों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

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जनवरी 2019 में शुरू की गई थी व्यावसायिक उड़ानें

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट से जनवरी 2019 में नौ सीटों वाले विमान की उड़ान सेवाएं शुरू की गई थीं, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से इसे बंद कर दिया गया था. मुख्य रूप से फिलहाल उत्तराखंड में दो ही एयरपोर्ट हैं, जिसमें पहला देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो गढ़वाल मंडल में आता है. यहां से कई शहरों के लिए उड़ान सेवाएं शुरू की गई हैं. इसके अलावा, दूसरा एयरपोर्ट उधम सिंह नगर में पंतनगर हवाई अड्डा है, जो कुमाऊं क्षेत्र में आता है. इस हवाई अड्डे से दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर के लिए दैनिक उड़ान सेवाओं का परिचालन किया जाता है.

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