उद्धव ठाकरे से मिले अरविंद केजरीवाल, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ जंग में मांगा समर्थन
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें 'विपक्षी' दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) विपक्षी और विरोधी बोलना चाहिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान, केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) की लड़ाई में उद्धव का समर्थन मांगा.
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को बताया विपक्ष
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें (केंद्र को) विपक्षी और विरोधी बोलना चाहिए. क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.
केजरीवाल के साथ मान और संजय सिंह ने भी की उद्धव से भेंट
उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा तथा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के साथ थीं.
#WATCH | We all have come together to save the country and democracy. I think we should not be called 'opposition' parties in fact they (Centre) should be called 'opposition' since they are against Democracy and Constitution: Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray pic.twitter.com/gk3izB2sLZ
— ANI (@ANI) May 24, 2023
शरद पवार से भी समर्थन मांगेंगे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल बुधवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से भी मिलकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ ‘आप’ की लड़ाई में उनका समर्थन मांगेंगे.
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल कर रहे देशभर की यात्रा
केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए देशभर की यात्रा के तहत केजरीवाल और मान ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी.
जानें क्या है केंद्र सरकार का अध्यादेश, जिसपर मंचा बवाल
केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के वास्ते 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी. इससे एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, लोक सेवा और भूमि से संबंधित विषयों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सौंप दिया था. किसी अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की मंजूरी मिलना आवश्यक होता है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है.