राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं. एक ओर सचिन पायलट ने मोर्चा खोल दिया है, तो दूसरी ओर एक मंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ही सरकार के खिलाफ निशाना साधा है. पायलट ने गहलोत सरकार को चेतावनी दे डाली है कि अगर उनकी तीन मांगे नहीं मानी जाती है, तो वो राज्यव्यादी आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का अलाइनमेंट खराब हो गया है और उसने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं. कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने कहा, कर्नाटक की सरकार का जो 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार का मामला था, हमारी सरकार उससे पार जा रही है. हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. गुढ़ा ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यालय से बिना भ्रष्टाचार के कोई भी फाइल नहीं चलती. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे और उनके पास इसके सबूत हैं. गुढ़ा ने इसका ब्योरा नहीं दिया.
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार को दी चेतावनी
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के सामने तीन मांगें रखीं हैं. उन्होंने कहा, अगर उनकी मांगे मई के अंत तक पूरा नहीं किया गया, तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे. अजमेर से अपनी पांच दिवसीय जन संघर्ष पदयात्रा के समापन पर उन्होंने यह बातें कहीं. सचिन पायलट ने जो तीन मांगे रखीं हैं, उसमें उन्होंने भ्रष्ट राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करने और पेशेवर तरीके से इसके पुनर्गठन की मांग की. दूसरा, पेपर लीक के कारण भर्ती परीक्षा रद्द करने के लिए युवाओं को मुआवजा देने की मांग की. साथ ही पायलट ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
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भाजपा ने अशोक गहलोत से इस्तीफा मांगा
विपक्षी दल भाजपा ने गहलोत से नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा देने की मांग की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने ट्वीट किया, मुख्यमंत्री जी आपकी सरकार के मंत्री आपकी ही सरकार पर भारत की सबसे भ्रष्टाचार और कमीशनखोर सरकार का आरोप लगा रहे हैं. क्या ऐसी स्थिति में आपको अपने पद पर बने रहना चाहिए? अगर थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो आपको तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.