अशोक गहलोत का वार : पीएम मोदी की ‘जिद’ के चलते कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में हारी भाजपा
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने इतना बड़ा फैसला मानवीय दृष्टिकोण से पारित किया. उन्होंने कहा कि ये जो स्वास्थ्य का अधिकार कानून हमने पारित किया है, भारत सरकार को चाहिए कि वह इसकी समीक्षा करवाए.
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ‘जिद’ की वजह से हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने यह दावा भी किया कि अभी और राज्यों में भाजपा की सरकारें जाएंगी, क्योंकि लोकतंत्र में किसी की जिद नहीं चलती. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के प्रथम चरण की शुरुआत के अवसर पर ‘राज्य स्तरीय लाभार्थी उत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
लोकतंत्र में जिद की जगह नहीं
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने इतना बड़ा फैसला मानवीय दृष्टिकोण से पारित किया. उन्होंने कहा कि ये जो स्वास्थ्य का अधिकार कानून हमने पारित किया है, भारत सरकार को चाहिए कि वह इसकी समीक्षा करवाए. प्रधानमंत्री मोदी को मैं इस मंच से कहना चाहूंगा. लोकतंत्र में जिद का कोई स्थान नहीं होता है. प्रधानमंत्री जिद्दी हैं. वे एक बार जो सोच लेते हैं, उसी पर अड़े रहते हैं.
जनता की सोच से दिमाग में करना होगा बदलाव
अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर यह देखना चाहिए कि जनता क्या चाहती है और उसी के अनुसार, अपने दिमाग में बदलाव करते रहना चाहिए. गहलोत ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री के साथ हुई एक बैठक का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से राजस्थान सरकार के ओपीएस संबंधी फैसले का जिक्र किया था.
ओपीएस की समीक्षा के लिए पीएम मोदी से कहा था
अशोक गहलोत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के (तत्कालीन) मुख्यमंत्री ने तब प्रधानमंत्री को ठीक सलाह दी थी कि वह उन्हें भी राजस्थान के मुख्यमंत्री की तरह ओपीएस का फैसला करने दें, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने उस समय कहा था कि प्रधानमंत्री जी आप जरा इसकी समीक्षा तो करवा लीजिए. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नहीं, नहीं. मैं समीक्षा करवा चुका हूं.
जो कहा कर दिखाया
देखिए! वादा निभायादेश में सबसे सस्ते ₹500 में सिलेंडर दिलाने के वादे को निभाते हुए आज लाभार्थी उत्सव में इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना का शुभारंभ किया।
एक बटन दबाकर महज चंद सेकेंडों में 14 लाख उपभोक्ताओं के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी हस्तांतरित की।… pic.twitter.com/jOEnulYCJY
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 5, 2023
पीएम को दिलो-दिमाग में करना होगा बदलाव
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर प्रधानमंत्री जिद पर अड़े रहे, जिद्दी हैं. आज देख लीजिए कि वो जिद क्या काम आई. हिमाचल में सरकार चली गई, सरकार चली गई कर्नाटक में. एक के बाद एक और सरकारें जाएंगी. लोकतंत्र में जिद किसी की नहीं चलती. लोकतंत्र में घमंड किसी का नहीं चलता. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में (मतदाताओं) को झुक-झुककर प्रणाम करना पड़ता है. लोकतंत्र में जनता माई-बाप है. प्रधानमंत्री के दिलो-दिमाग में भी ये बदलाव होना चाहिए.
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राजस्थान में भाजपा की स्थिति चिंताजनक
राजस्थान में मुख्य विपक्षी भाजपा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि राज्य सरकार के कामों के कारण पार्टी के पास सरकार के खिलाफ कहने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं और कार्यक्रम चुनावी घोषणाएं नहीं, बल्कि स्थायी हैं और आगे भी जारी रहेंगी. इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत राज्य सरकार का उद्देश्य लक्षित परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाना है. उन्होंने बटन दबाकर योजना के प्रथम चरण की शुरुआत की और 14 लाख लक्षित उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सब्सिडी सीधे अंतरित की. राज्य सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 76 लाख परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर मुहैया करवाना है.