Congress Crisis : सचिन पायलट ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन! जनसंघर्ष पद यात्रा के पोस्टर से सब गायब

Congress Crisis in Rajasthan : पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की यह जनसंघर्ष पद यात्रा 11 मई से शुरू होकर 15 मई तक चलेगी. जानें पोस्टर को लेकर क्यों है चर्चा

By Amitabh Kumar | May 11, 2023 9:49 AM
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Congress Crisis in Rajasthan : कांग्रेस नेता सचिन पायलट एक बार फिर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं. दरअसल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट अजमेर से आज जनसंघर्ष पद यात्रा की शुरूआत करने जा रहे हैं. मंगलवार को सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला करने के बाद अपनी ही सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष पदयात्रा (Jan Sangharsh Padyatra) करने का ऐलान किया.

सचिन पायलट की यह जनसंघर्ष पद यात्रा 11 मई से शुरू होकर 15 मई तक चलेगी. इस बीच कांग्रेस नेता 125 किलोमीटर की यात्रा करने वाले हैं. भ्रष्टाचार के विरुद्ध, नौजवानों के समर्थन में यह पद यात्रा निकाली जा रही है. अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा सचिन पायलट करने वाले जिसके पहले कांग्रेस की टेंशन बढ़ गयी है. इस पद यात्रा का जो पोस्टर जारी किया गया है उसमें अकेले सचिन पायलट नजर आ रहे हैं.

पदयात्रा के पीछे क्या है मकसद

जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार, कांग्रेस नेता सचिन पायलट अजमेर से जयपुर तक करीब 125 किलोमीटर जनसंघर्ष पदयात्रा करेंगे. बताया जा रहा है कि इस पदयात्रा के पीछे सचिन पायलट का उद्देश्य आरपीएससी पेपर लीक मामले में सरकार की नींद खोलना है, क्योंकि इस पेपर लीक मामले को लेकर राजस्थान के युवकों में भारी नाराजगी की बात सामने आ रही है. हालांकि, पेपर लीक मामले में पिछले दिनों आरपीएससी के सचिव को गिरफ्तार किया जा चुका है. उसके बाद कहा यह जा रहा है कि पेपर लीक कराने के मामलों में आरपीएससी का हाथ है. बताते चलें कि आरपीएससी का मुख्यालय अजमेर में है.

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कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पर समन्वय स्थापित नहीं कर पाने का आरोप

इधर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पर स्थानीय नेताओं के बीच समन्वय स्थापित नहीं करने का आरोप लगाया. सोलंकी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपनी शिकायतों से उन्हें अवगत कराया है. उन्होंने जयपुर में मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि रंधावा को नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करना था लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बताया.

भाषा इनपुट के साथ

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