राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. उनके यहां ACB के छापे में 2.3 करोड़ मिले थे. इस संबंध में न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी है. खबरों की मानें तो सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव को निलंबित कर दिया गया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किये जाने और उनकी अलमारी से लगभग 2.31 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद ये कार्रवाई की गयी. उनकी अलमारी से लगभग 1 किलो सोने के बिस्कुट भी मिले थे.
इससे पहले खबर आयी थी कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एक संयुक्त निदेशक के कार्यालय भवन के तहखाने में एक बंद अलमारी से 2.31 करोड़ रुपये नकद और एक किलोग्राम वजन का सोना बरामद होने के मामले में रविवार को उन्हें अदालत में पेश किया. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अदालत ने अधिकारी वेद प्रकाश यादव को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. उन्हें जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंप दिया गया है.
एसीबी ने यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. शुक्रवार की रात कार्यालय की फाइलों के डिजिटलीकरण में लगे कर्मियों ने जब योजना भवन के तहखाने में रखी अलमारी खोली तो उन्हें एक ट्रॉली सूटकेस मिला, जिसमें 2,000 और 500 रुपये के नोट थे. जब नोटों की गिनती की गयी तो उनकी कुल कीमत 2.31 करोड़ रुपये से अधिक थी.
#UPDATE | Rajasthan: Ved Prakash Yadav, joint director of the Department of Information and Technology (DoIT), has been suspended. This comes after he was arrested by Anti-Corruption Bureau and around Rs 2.31 crores cash and about 1 kg of gold biscuits were recovered from his… https://t.co/ceKWxLJ33I pic.twitter.com/GtB9JOzz4X
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 22, 2023
जयपुर के पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि लगभग 50 कर्मचारियों से पूछताछ और एक महीने की अवधि के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद हमें आरोपी को अलमारी के अंदर बैग रखने का फुटेज मिला. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान यादव ने अलग-अलग लोगों से रिश्वत के रूप में यह रकम लेने की बात स्वीकार की है. वह उन्हें (रिश्वत राशि को) घर ले जाने के बजाय कार्यालय में ही रखता था. पुलिस ने उनके अंबाबाड़ी स्थित आवास की भी तलाशी ली और वहां से कई दस्तावेज जब्त किये.
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यादव को एक प्रोग्रामर के रूप में भर्ती किया गया था और वह पिछले 20 वर्षों से विभाग का भंडार प्रभारी था. वह 2019-20 में संयुक्त निदेशक (ज्वाइंट डायरेक्टर) बना था. पुलिस ने कहा कि आरोप है कि यादव ने सरकारी विभागों को सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर और एलईडी स्क्रीन की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से रिश्वत ली थी.
भाषा इनपुट के साथ