छत्तीसगढ़ में भी लागू हो सकती है शराबबंदी! 18 जुलाई से मानसून सत्र की होगी शुरुआत
चुनावी साल के आखिरी विधानसभा सत्र के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि पांचवीं विधानसभा का यह आखिरी सत्र होगा. इसके लिए विधानसभा के सदस्य ऑनलाइन अपने-अपने प्रश्नों को जमा करा सकते हैं.
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी 18 जुलाई 2023 से विधानसभा के चार दिवसीय मानसून सत्र की शुरुआत की जाएगी. यह सत्र 18 से 21 जुलाई तक चलेगा. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चुनावी साल में आखिरी विधानसभा सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई लोकलुभावनी योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं. रिपोर्ट में इस बात की चर्चा की जा रही है कि छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार की ओर से चार दिवसीय विधानसभा के दौरान विभिन्न विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान किया जा सकता है. इसके साथ ही इस विधानसभा सत्र के दौरान सरकार राज्यभर में बिहार की तर्ज पर शराबबंदी पर जैसे अहम सामाजिक मुद्दों पर भी ऐलान कर सकती है.
राज्यपाल ने जारी की अधिसूचना
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चुनावी साल के आखिरी विधानसभा सत्र के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. विधानसभा सचिवालय के शीर्ष अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पांचवीं विधानसभा का यह आखिरी सत्र होगा. इसके लिए विधानसभा के सदस्य ऑनलाइन अपने-अपने प्रश्नों को जमा करा सकते हैं. बताया यह जा रहा है कि इस सत्र के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले विधायकों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया जा सकता है.
प्रस्तावों को मिली मंजूरी
खबर यह भी है कि राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र से संबंधित प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है. चर्चा है कि छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार की ओर से चार दिवसीय विधानसभा के दौरान विभिन्न विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान किया जा सकता है. इसके साथ ही इस विधानसभा सत्र के दौरान सरकार राज्यभर में शराबबंदी पर जैसे अहम सामाजिक मुद्दों पर भी ऐलान कर सकती है.
विपक्ष ने 10 दिन के सत्र की मांग की
वहीं, खबर यह भी है कि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने मानसून सत्र को चार दिन से बढ़ाकर 10 दिन किए जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और सरकार को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने कहा कि इतने कम वक्त के लिए आयोजित किए जाने वाले विधानसभा के सत्र में जनप्रतिनिधि अपनी बातों को सदन के पटल पर रख नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र कम से कम 10 दिनों का होना चाहिए.