ओडिशा रेल हादसा: दुर्घटना के बारे में एनडीआरएफ के इस जवान ने सबसे पहले ‘लाइव लोकेशन’ भेजा, ट्रेन में था सवार

ओडिशा रेल हादसा: 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी. उसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी. जानें फिर क्या हुआ इसके बाद

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2023 6:55 AM

कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक जवान शायद पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने शुरुआती बचाव प्रयासों में शामिल होने से पहले ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सतर्क किया था. एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश एन. के. छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे. इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि वह बाल-बाल बच गये क्योंकि जिस डिब्बे ‘बी-7’ में वह सवार थे, वह पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया.

कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के साथ तैनात 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी. उसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका इस्तेमाल पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया. आपको बता दें कि बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गयी और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गये.

प्रधानमंत्री मोदी ने बचाव दल के सदस्यों की सराहना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद बचाव कार्यों में लगे सदस्यों की शनिवार को सराहना की. उन्होंने लोगों के साहस और करुणा की भी प्रशंसा की. एक ट्वीट में, मोदी ने दुनिया के नेताओं के शोक संदेशों के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर दुनिया के नेताओं के शोक संदेशों से बेहद अभिभूत हूं. संवेदनाओं से भरे उनके शब्द शोक संतप्त परिवारों को शक्ति देंगे. उनके समर्थन के लिए आभार.

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एक अन्य ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने बचाव दल के सदस्यों और अन्य अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं रेलवे, एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, स्थानीय अधिकारियों, पुलिस, दमकल विभाग के अधिकारियों, स्वयंसेवकों और प्रत्येक व्यक्ति की सराहना करता हूं जो बिना थके वहां काम कर रहे हैं और बचाव कार्यों में मदद दे रहे हैं…उनके समर्पण पर गर्व है… उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में हमारे देश के लोगों द्वारा दिखाया गया साहस और करुणा वास्तव में प्रेरणादायक है. जैसे ही ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना हुई, लोग बचाव कार्यों में मदद करने में जुट गए. कई लोग रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हो गये.

भाषा इनपुट के साथ

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