74वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर जहां एक ओर दुनिया ने भारत की शौर्य को देखा वहीं दूसरी ओर राज्यों की अलग-अलग संस्कृति ने लोगों का मन मोह लिया. इस खास मौके पर और खास बना दिया परेड में शामिल अग्निवीरों ने.
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार शामिल हुए अग्निवीर
परेड में छह अग्निवीर भी नौसेना के मार्च करने वाले दल का हिस्सा बने. जो देशभक्ति के जोश के साथ कर्तव्य पथ पर गर्व के साथ परेड करते नजर आये. अग्निवीरों के दल में तीन महिलाएं भी शामिल थीं. भारतीय नौसेना की टुकड़ी में लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के नेतृत्व में 144 युवा नाविक शामिल हुए.
परेड में दिखी मेड-इन-इंडिया की ताकत
परेड में मेड इन इंडिया की झलक दिखी. परेड के दौरान जिन सैन्य शस्त्रों को प्रदर्शित किया गया, उनमें ‘मेड-इन-इंडिया’ उपकरण शामिल थे, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को दिखा रहे थे. मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) और के-9 वज्र ने भी इस दौरान अपना प्रदर्शन दिखाया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया गणतंत्र दिवस समारोह का नेतृत्व
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस समारोह का नेतृत्व किया. इस दौरान मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.
14 जून 2022 को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की
गौरतलब है कि पिछले साल 14 जून को सरकार ने तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. यह योजना चार साल की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया जाएगा. हालांकि चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा. विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी.