पिछले दिनों देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए गये जिसका रिजल्ट सामने आ गया है. चार में से तीन राज्यों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है जबकि एक राज्य तेलंगाना में सरकार बनाने में कांग्रेस को सफलता मिली है. इस बीच सबके मन में सवाल आ रहा है कि आखिर कांग्रेस की इस हार के बाद विपक्षी गठबंधन यानी इंडिया गठबंध का क्या होगा? इधर इस गठबंधन को लेकर जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार, सीट-बंटवारे की बातचीत पर आगे करने के लिए ये पार्टियां शीतकालीन सत्र की समाप्ति से पहले दिसंबर के मध्य में राजधानी दिल्ली में बैठक करेंगे. इस बैठक के दौरान 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र को अंतिम रूप देने का काम किया जाएगा. टीएमसी सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी है कि पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक बैठक में भाग लेंगी, जो 15-16 दिसंबर के आसपास होने की संभावना है.
राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को आमंत्रित किया लेकिन…
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की हार के बाद से गठबंधन सहयोगियों के बीच कलह के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि पार्टियों के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश जारी है. गठबंधन नेताओं को गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया, जो राज्य के गठन के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली पहली सरकार है. टीएमसी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को समारोह के लिए आमंत्रित करने के लिए फोन किया था, लेकिन चूंकि वह उत्तर बंगाल का दौरा कर रही हैं, इसलिए टीएमसी प्रमुख ने समारोह में भाग लेने के लिए पार्टी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन को नियुक्त किया. इससे पहले, कई पार्टियों के नेताओं ने छह दिसंबर को तुरंत खबर देने के बाद संयुक्त बैठक आयोजित करने के कांग्रेस के फैसले को अस्वीकार कर दिया था. जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और ममता ने बैठक में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी.
गठबंधन में पिछले तीन महीनों में कोई गतिविधि नहीं
इस बीच खबर है कि गठबंधन पार्टियों के बीच तालमेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को अपने आवास पर गठबंधन दलों के फ्लोर नेताओं के लिए डिनर का आयोजन किया. टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने हिंदी भाषी राज्यों- राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनावी गठबंधन को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारने को लेकर चिंता जताई है. इन राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक की तीन सफल बैठक पहले हुईं हैं. इसके बाद पिछले तीन महीनों से गठबंधन को लेकर कोई भी हलचल देखने को नहीं मिली जो चिंता बढ़ाने का काम कर रही है. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि यदि बीजेपी को टक्कर देना है तो उनके खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई करनी होगी.