Ayodhya/Ram Mandir News: अयोध्या में रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. इस बीच खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है जो 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला है. इस संबंध में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर प्रकाशित की है. खबर के अनुसार, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इन नेताओं को निमंत्रण भेजा है, लेकिन कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं के समारोह में शामिल होने की संभावना कम है.
सूत्रों के हवाले से खबर दी गई है कि समारोह में शामिल होने पर फैसला कार्यक्रम के करीब लिया जाएगा. कांग्रेस से किसी व्यक्ति के इस कार्यक्रम में जाने की उम्मीद है, लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. ट्रस्ट इस विशाल आयोजन के लिए विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित कर रहा है. पंजाब जैसी कांग्रेस की कई राज्य इकाइयां पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वे बसों में तीर्थयात्रियों को अयोध्या भेजेंगे. 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, अयोध्या का राम मंदिर चर्चा में है.
नृपेंद्र मिश्रा ने खरगे से मुलाकात की
सूत्रों के हवाले से खबर दी गई है कि राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को खरगे से मुलाकात की और निमंत्रण दिया. बताया जा रहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी को निमंत्रण भेजा था. बैठकों के दौरान निमंत्रण स्वीकार कर लिया गया, जिसके लिए मिश्रा ने पहले ही समय मांगा था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया है, जो इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं. आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है.
‘टेंट सिटी’ स्थापित की गई है
ट्रस्ट की ओर से जानकारी दी गई है कि विभिन्न परंपराओं के श्रद्धेय संतों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में देश का सम्मान बढ़ाने वाले सभी प्रमुख व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया है. आपको बता दें कि नए तीर्थक्षेत्र पुरम (बाग बिजैसी) में एक ‘टेंट सिटी’ स्थापित की गई है जिसमें छह ट्यूबवेल, छह रसोई घर और 10 बिस्तरों वाला एक अस्पताल बनाया गया है. देश भर से लगभग 150 डॉक्ट इस अस्पताल में बारी-बारी से अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं. समारोह में भाग लेने के लिए विभिन्न संप्रदायों के लगभग 4,000 संतों को आमंत्रित किया गया है.