जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिकों के शहीद होने तथा दो अन्य के घायल होने के बाद सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को इलाके के वन क्षेत्र में व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया.
अधिकारियों ने बताया कि ’16वीं कोर ‘ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने इलाके का दौरा किया तथा सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. ‘व्हाइट नाइट कोर’ या ’16वीं कोर’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भारतीय सेना और व्हाइट नाइट कोर कल सुरनकोट में आतंकवाद के संकट से लड़ते हुए सैनिकों की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है.”
एक अधिकारी ने कहा कि इलाके की हवाई निगरानी भी की जा रही है तथा आतंकवादियों का पता लगाने के लिए श्वान दस्ते को भी लगाया गया है. एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”इलाके में रात की घेराबंदी के बाद आज सुबह व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू हो गया है.”
उन्होंने बताया कि अभियान अभी भी जारी है. उन्होंने कहा कि गोलीबारी में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना क्षेत्र में ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर अपराह्न करीब पौने चार बजे हमला किया गया.
उन्होंने बताया कि ढेरा की गली (डीकेजी) रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारी जमीनी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. माना जा रहा है कि तीन से चार की संख्या में आतंकवादियों ने पहाड़ों से सेना के वाहनों को निशाना बनाने के लिए इस क्षेत्र को चुना.
अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद आतंकियों ने कथित तौर पर कम से कम दो सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया और उनमें से कुछ के हथियार लूट लिए. रक्षा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि राजौरी-पुंछ क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक है.
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल एस. एस पठानिया ने कहा, ”यह चिंता का विषय है. पिछले दो महीनों में यह दूसरी घटना है. यह क्षेत्र हाल तक शांतिपूर्ण था. पिछले दो वर्षों के दौरान यहां 35 सैनिक शहीद हुए हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? आतंकवादियों का हौसला इतना क्यों बढ़ गया है?” आतंकी वारदात के विरोध में जम्मू में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.