फिर आंदोलन की राह पर किसान, 21 मार्च को देशव्यापी प्रदर्शन, 11 से 17 अप्रैल तक एमएसपी गारंटी सप्ताह: SKM
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को बर्बर तरीके से रौंद दिया गया. दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था.
नयी दिल्ली: करीब एक साल तक दिल्ली की सीमा को ‘सील’ कर देने वाले किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ने वाले हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में नये आंदोलन की जो रूपरेखा तैयार की गयी है, वह ऐसे ही संकेत दे रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) की बैठक में 21 मार्च से आंदोलन की शुरुआत करने का फैसला किया गया.
लखीमपुर खीरी कांड के खिलाफ होगा प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को बर्बर तरीके से रौंद दिया गया. दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, मुख्य आरोपी को बेल मिल गयी. सरकार ने मजबूती से किसानों का पक्ष नहीं रखा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे को छूट जाने दिया.
21 मार्च को देश भर में प्रदर्शन करेंगे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है कि लखीमपुरी खीरी में हुई घटना के विरोध में 21 मार्च को देशव्यापी प्रदर्शन किया जायेगा. इसके बाद 11 से 17 अप्रैल के बीच एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाया जायेगा. मोर्चा का आरोप है कि सरकार ने आंदोलनरत किसानों से जो वादा किया था, उससे वह मुकर रही है.
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दिल्ली की सीमा पर एक साल तक चला था किसान आंदोलन
उल्लेखनीय है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने एक साल तक आंदोलन चलाया था. देश के कई राज्यों के किसान दिल्ली की सीमा पर एकजुट हुए. ट्रैक्टरों का काफिला दिल्ली की सीमा पर पहुंच गया. किसानों ने चारों ओर से दिल्ली को घेर लिया. संसद भवन तक ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़ गये.
Farmers will observe MSP guarantee week from April 11 to 17. A nationwide protest will be organised on March 21 over the role of the government in the Lakhimpur Kheri incident, and the betrayal of the assurances given to the farmers' movement: Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) March 14, 2022
पीएम मोदी ने वापस लिये तीनों कृषि कानून
सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हुई. सरकार ने कानून में संशोधन का आश्वासन दिया, लेकिन किसान इस बात पर अड़ गये कि तीनों कानूनों को वापस लेना ही होगा. इससे कम पर वे बिल्कुल नहीं मानेंगे. आखिरकार गुरुनानक जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद तीनों कानूनों को देशहित में वापस लेने का ऐलान किया.
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सरकार से आश्वासन मिलने पर खत्म हुआ आंदोलन
इसके बाद किसानों के साथ फिर से वार्ता शुरू हुई. सरकारी अधिकारियों ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. आखिरकार किसान माने और अपना आंदोलन समाप्त किया. लेकिन राकेश टिकैत ने साफ कहा था कि एमएसपी की गारंटी नहीं मिली, तो देश भर के किसान फिर से दिल्ली को जाम कर देंगे.
Posted By: Mithilesh Jha