सीएम चन्नी फिर हमलावर हुए सिद्धू, बोले – पंजाब पर पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज और लॉलीपॉप बांट रही सरकार

पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सूबे की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब पर 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार लोगों को लॉलीपॉप बांट रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2021 10:25 AM
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चंडीगढ़ : पंजाब में सरकार और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की रस्साकशी थमने का नाम नहीं ले रही है. उन्होंने अपनी ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है. प्रदेश में बिजली की दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती और सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने एक बार फिर चन्नी सरकार पर निशाना साधा है.

पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सूबे की चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब पर 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार लोगों को लॉलीपॉप बांट रही है. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को यह लगता है कि सरकार कर्ज की इतनी बड़ी रकम तो चुका देगी तो उनकी यह सोच गलत है. आखिर में इसका भार जनता के कंधों पर ही पड़ना है. उन्होंने कहा कि सरकार के खजाने में इतना ही अधिक पैसा है, तो वह शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 50,000 रुपये हर महीने क्यों नहीं कर देती है.

बिजली के मसले पर उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले दो महीनों से लोगों को लॉलीपॉप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार कहा देगी. क्या केवल झूठ बोलने और झूठे वादे करना ही सरकार का असली मकसद है? उन्होंने आगे कहा कि क्या कोई राज्य के कल्याण की भी बात करेगा? उन्होंने कहा कि वे लॉलीपॉप देते हैं, ये मुफ्त है और जो मुफ्त है वह इन दो महीनों में दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि वे वादे तो कर रहे हैं, लेकिन इसे पूरा कैसे करेंगे?

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इसके साथ ही, प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मतदाताओं को लॉलीपॉप के लिए नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर वोट डालने की सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि आपके मन में एक सवाल पैदा होना चाहिए कि क्या इरादा केवल सरकार बनाने या झूठ बोलकर सत्ता में आने से है या 500 वादे करने का है या फिर राज्य के कल्याण करने का है. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति अब कोई मिशन नहीं रह गया, बल्कि यह एक पेशा बन गया है.

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