Punjab Congress chief NS Sidhu in Kartarpur: सिद्धू ने दावा किया कि अगर लाहौर-अमृतसर रूट को खोल दिया जाये, तो भारत और पाकिस्तान दोनों के पंजाब का जितना विकास पिछले 60 सालों में नहीं हुआ, 6 महीने में हो जायेगा. उन्होंने कहा कि यह लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सबसे सुनहरा अवसर होगा. सिद्धू ने पीएम नरेंद्र मोदी और इमरान खान से सीमाओं को खोलने की अपील की.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि दोनों देशों के बीच 2.75 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के व्यापार की संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि अमीरों के लिए अगर कराची-मुंबई रूट को खोला जा सकता है, तो पंजाब के आम लोगों के लिए लाहौर-अमृतसर रूट को क्यों नहीं खोला जा सकता. क्यों पंजाब के लोगों को ननकाना साहिब नहीं आना चाहिए? क्योंकि यहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेका और दोनों देशों के बीच ‘मित्रता का नया अध्याय’ तथा व्यापार शुरू करने पर जोर दिया. गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में सिख श्रद्धालुओं के लिए वीजा-मुक्त करतारपुर गलियारे को खोला है. करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के पंजाब राज्य के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ता है.
दरबार साहिब में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन का अंतिम समय गुजारा था. चार किलोमीटर लंबा यह गलियारा भारत के सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के दरबार साहिब जाने की सुविधा देता है. कोविड-19 के कारण मार्च, 2020 से करतारपुर गुरुद्वारा की यात्रा रोक दी गयी थी. करतारपुर गलियारा श्रद्धालुओं के लिए फिर से इसी मंगलवार को खोला गया है.
If this happens, both Punjab, both nations will progress within 6 months as much as they should have in 60 years. It's a golden opportunity to change lives of people. I request Modi sahab & Khan sahab to open the doors. Trade has a US$ 275,000 crore potential: Navjot Singh Sidhu pic.twitter.com/dVJcKMEYWo
— ANI (@ANI) November 20, 2021
करतारपुर पहुंचने के बाद सिद्धू ने पत्रकारों से कहा, ‘बाबा गुरु नानक के नाम पर, दोनों देशों के बीच मित्रता का नया अध्याय शुरू होना चाहिए.’ उन्होंने सवाल किया, ‘विश्वयुद्धों में लाखों लोगों की मौत होने के बाद एक यूरोप एक वीजा पर अपनी सीमाएं खोल सकता है, एक पासपोर्ट और एक मुद्रा रख सकता है, तो हमारे क्षेत्र में ऐसा क्यों नहीं हो सकता, जहां भगत सिंह और महाराजा रणजीत सिंह जैसी हस्तियां हैं, जिन्हें सभी मानते हैं.’ सिद्धू ने कहा कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच परस्पर प्रेम चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘(भारत-पाकिस्तान के बीच) 74 साल में खड़ी की गयी दीवारों में खिड़कियां खोलने की जरूरत है.’ उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच व्यापार होना चाहिए.’ सिद्धू ने गलियारा खोलने की दिशा में कदम उठाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी धन्यवाद दिया.
सिद्धू ने कहा, ‘मैं पहला कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री (इमरान खान) को धन्यवाद देता हूं और दूसरे पक्ष (भारत) ने दो कदम उठाकर इसका जवाब दिया. मैं पहले ही कह चुका हूं कि गलियारा का समर्थन करने वालों को आशीर्वाद मिलेगा और जो इसका विरोध कर रहे हैं, उनका कोई अस्तित्व नहीं है.’
जीरो प्वाइंट पर जब करतारपुर गलियारा परियोजना प्रबंधन इकाई के सीईओ मोहम्मद लतीफ ने सिद्धू का स्वागत किया और प्रधानमंत्री की ओर से पूर्व क्रिकेटर और उनके शिष्टमंडल की आगवानी की तब, सिद्धू ने कहा, ‘इमरान खान मेरे बड़े भाई हैं. मुझे गर्व हो रहा है. उन्होंने (खान) हमें बहुत प्यार दिया है.’
सिद्धू ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और अपने शिष्टमंडल के साथ वहीं के खेतों में उगाये गेहूं और सब्जियों से तैयार लंगर भी छका. लतीफ के मुताबिक, गलियारा खुलने के चौथे दिन शनिवार को 300 से ज्यादा भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर साहिब पहुंचे. इसी सप्ताह पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, कैबिनेट मंत्रियों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की अध्यक्ष जागीर कौर सहित कुल 37 लोगों के साथ करतारपुर साहिब गये थे.
Posted By: Mithilesh Jha