नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को प्रमोट करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) को दरकिनार करने का कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का दांव उल्टा पड़ गया है. नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा (Navjot Singh Sidhu Resign) देकर पार्टी को मुश्किलों में डाल दिया है. हालांकि, सिद्धू ने अभी कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने इस्तीफा देने की वजह नहीं बतायी है.
राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया क्यों? कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद उन्होंने क्यों छोड़ा? बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को जब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, तो सिद्धू को ऐसा लगा कि उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना अब पूरा हो जायेगा. या वो जिसे चाहेंगे, उसे पंजाब का मुख्यमंत्री बनवायेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस घोषणा के बाद कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया गया, तो वह प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे. इसके बाद सिद्धू ने अपनी पसंद का मुख्यमंत्री बनाने की सोची. नवजोत सिंह सिद्धू के लिए सबसे ज्यादा बैटिंग करने वाले पंजाब प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुखजिंदर सिंह रंधावा को पहले मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा थी. लगभग तय हो गया था कि रंधावा शपथ लेंगे.
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घोषणा से पहले निर्णय बदल गया. कांग्रेस आलाकमान ने रंधावा की जगह दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाने की घोषणा कर दी गयी. उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री भी बना दिये गये. कहा गया कि वर्ष 2022 के पंजाब चुनाव से पहले राहुल गांधी का यह मास्टरस्ट्रोक है. लेकिन, नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान का यह फैसला रास नहीं आया और उन्होंने अब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट में जिस तरह से मंत्रिमंडल का बंटवारा किया और मंत्रियों को शामिल किया, वह भी सिद्धू को रास नहीं आया. बताया जा रहा है कि एपीएस देओल को पंजाब का अटॉर्नी जनरल (एजी) बनाये जाने के अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह मंत्री बनाने एवं राणा गुरजीत को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने से भी सिद्धू नाराज हैं. उन्होंने आलाकमान को जो इस्तीफा भेजा है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि मैं पंजाब के हितों से समझौता नहीं कर सकता.
अब जबकि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दबाव में ही कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कैप्टन अमरिंदर सिंह को ‘सॉरी’ कहना पड़ा था.
इसके साथ ही विश्लेषकों ने यह भी कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जो बातें कही थी, वो सही साबित हुई. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू एक अस्थिर व्यक्ति है. पाकिस्तान का पीएम इमरान खान और वहां के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा का दोस्त है. पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है. अगर सिद्धू को पावर मिल गया, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन जायेगा.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से सिद्धू के इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नयी दिल्ली में अपनी पहली प्रतिक्रिया में अपनी पुरानी बात को ही दोहराया. कहा कि मैंने कहा था कि यह आदमी स्थिर नहीं है. पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए यह सही नहीं है.
Posted By: Mithilesh Jha