नौसेना ने 38 विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस मिसाइल के अधिग्रहण का रखा प्रस्ताव, युद्धपोतों पर तैनाती से बढ़ेगी भारत की प्रतिरक्षा क्षमता
Indian Navy, 38 Extended Range BrahMos Missiles, Warship, Indian Army, BrahMos supersonic cruise missile, 450 km, 1800 crores, Ministry of Defence, Anti-ship version, Self reliant india : नयी दिल्ली : युद्धपोतों की मारक क्षमता बढ़ाने को लेकर भारतीय सेना ने 38 विस्तारित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है, जो करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम हो.
नयी दिल्ली : युद्धपोतों की मारक क्षमता बढ़ाने को लेकर भारतीय सेना ने 38 विस्तारित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है, जो करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम हो.
Indian Navy to acquire 38 extended range BrahMos missiles for new warships soon
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— ANI Digital (@ani_digital) December 15, 2020
भारतीय नौसेना के निर्माणाधीन विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोतों पर इन ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को तैनात किया जाना है. उम्मीद की जा रही है कि निकट भविष्य में सक्रिय रूप से सेवा के लिए तैयार हो जायेंगी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि 38 विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल हासिल करने के लिए 1800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है. इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
मालूम हो कि नौसेना के कई युद्धपोतों पर पहले से ही ब्रह्मोस मिसाइल तैनात किया जा चुका है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारतीय युद्धपोतों के लिए मुख्य स्ट्राइक हथियार होगा.
भारतीय नौसेना ने आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण करने के लिए इसी माह एक दिसंबर को फायरिंग भी की थी. पूर्णतः स्वदेशी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण सफल रहा था.
अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल ने 400 से अधिक किलोमीटर दूर अपने लक्ष्य पर प्रहार कर अपनी क्षमता साबित की थी. ब्रह्मोस मिसाइल के युद्धपोतों पर तैनाती से भारत की प्रतिरक्षा क्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी.
आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेश निर्मित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्यात बाजार पर भी डीआरडीओ काम कर रहा है. 90 के दशक के उत्तरार्ध में भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के शुरू होने के बाद ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तीनों सशस्त्र बलों के लिए शक्तिशाली हथियार बन गया है.