समीर वानखेड़े ने गलत तरीके से बार और रेस्टोरेंट का लाइसेंस लिया, नवाब मलिक का नया आरोप
मलिक का दावा है कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े आबकारी विभाग में कार्यरत थे और उन्हें 1997 में समीर वानखेड़े के नाम पर लाइसेंस मिला था, 1997 में, समीर वानखेड़े वयस्क भी नहीं थे. ऐसे में उनके नाम पर लाइसेंस जारी किया गया, जो गलत है.
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आज एक बार फिर एनसीबी के जोनल कमांडर समीर वानखेड़े पर नये आरोप लगाये हैं. नवाब मलिक का आरोप है कि समीर वानखेड़े के परिवार ने मुस्लिम धर्म अपनाने के बावजूद ना सिर्फ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया, बल्कि कई अन्य गड़बड़ी में भी शामिल हैं.
आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवाब मलिक ने कई दस्तावेज जारी किये, जिसके अनुसार समीर वानखेड़े के नाम पर एक रेस्तरां और बार रजिस्टर्ड है. यह 1997 से उनके नाम पर है. मलिक का दावा है कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े आबकारी विभाग में कार्यरत थे और उन्हें 1997 में समीर वानखेड़े के नाम पर लाइसेंस मिला था, 1997 में, समीर वानखेड़े वयस्क भी नहीं थे. ऐसे में उनके नाम पर लाइसेंस जारी किया गया, जो गलत है.
गौरतलब है कि ज्ञानदेव वानखेड़े की मानहानि वाली याचिका पर बंबई हाईकोर्ट 22 नवंबर को अपना फैसला सुनायेगा. नवाब मलिक पर तीन आरोप हैं-पहला आर्यन खान के मामले में रंगदारी मांगना, दूसरा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर यूपीएससी की परीक्षा पास करना और तीसरा बार और रेस्तरां का लाइसेंस गलत तरीके से पास करना और इस बात को छुपाना.
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रिपोर्ट के अनुसार समीर वानखेड़े ने कहा है कि उन्होंने बार की जानकारी को कभी नहीं छुपाया. वे अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय वहां से होने वाले इनकम की पूरी जानकारी देते रहे हैं और जब से उन्होंने सरकारी नौकरी ज्वाइन की है, बार का पावर आफ एटार्नी उनके पिता के पास है.
नवाब मलिक ने कहा है कि उनकी पार्टी समीर वानखेड़े और उनके परिवार द्वारा किये जा रहे तमाम फर्जीवाड़े का खुलासा करेगी. नवाब मलिक ने ट्वीट किया है कि वे दुबई जा रहे हैं और सरकारी एजेंसी को यह बताकर जा रहे हैं कि वे उन्हें ट्रैक कर सकते हैं.
Posted By : Rajneesh Anand