Naxal Attack in Chhattisgarh : नक्सल मुठभेड़ के बाद दहशत में है पूरा गांव, जान के डर से घर छोड़ रहे हैं लोग
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल हमले में 22 जवान शहीद हो गये. इस एनकाउंटर के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गयी है. घटना का जैसे ही गांव वालों को पता चला डर से कई ग्रामीण वहां से भाग निकले. कई लोग गांव छोड़कर अपने रिश्तेदार के पास चले गये. अब भी गांव में दहशत का माहौल है और लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल हमले में 22 जवान शहीद हो गये. इस एनकाउंटर के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गयी है. घटना का असर आसपास के गांव में रहने वाले लोगों पर भी पड़ा है. इस मुठभेड़ में गांव वालों ने गोलियों की आवाज सुनी. जैसे ही गांव वालों को घटना का पता चला डर से कई ग्रामीण वहां से भाग निकले. कई लोग गांव छोड़कर अपने रिश्तेदार के पास चले गये. अब भी गांव में दहशत का माहौल है और लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं.
सुरक्षाबलों की टीम कमांडर माड़वी हिड़मा की तलाश में निकली थी, तभी घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया. नक्सल और सुरक्षा बलों के अचानक हुए मुठभेड़ से आसपास के ग्रामीण घबरा गये और कई लोग तुरंत गांव छोड़कर भाग गये.
अब भी इस इलाके में कई घर सुनसान पड़े हैं, यहां रहने वाले लोगों ने गांव छोड़ दिया है. इलाके में दहशत फैली है ,कई लोग एक साथ ट्रैक्टर में सवार होकर गांव छोड़ रहे हैं जो सामान अपने साथ ले जा सकते हैं, ले जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस दहशत के माहौल में अपने बीवी बच्चों के साथ गांव में नहीं रहना चाहते.
"The encounter broke out on April 3rd. When we heard the exchange of fire between security forces and Naxals, we ran away fearing death. Everyone in the village had left. When we returned here, we saw bodies of jawans," one of the villagers said (06.04) pic.twitter.com/eqdOdph19b
— ANI (@ANI) April 6, 2021
गांव के एक युवा लड़के ने ग्रामीणों के गांव छोड़ने के सवाल पर एएनआई को बताया कि हम यहां से भाग रहे हैं क्योंकि हमें जान का डर है, जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त भी गांव के लोग डर से भाग गये. जब हम वापस लौटे तो हमने जवानों के पार्थिव शरीर देखे. गांव वाले लोग अब भी डरे हुए हैं.
इस हमले के बाद कई जवान लापता है. नक्सलियों ने प्रेस रिलीज जारी कर दावा किया कि उनके पास लापता जवान राकेश्वर सिंह मनहास हैं औऱ सुरक्षित हैं वह सरकार से बातचीत करना चाहती है. नक्सलियों ने सरकार से मध्यस्थों के नाम मांगे हैं. मध्यस्थता के बाद वह जवान को छोड़ देंगे. दूसरी तरफ लापता जवान के परिवार वालों को रो-रो कर बुरा हाल है.