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NCERT की किताब से महात्मा गांधी, गोडसे और RSS के अंश गायब? विपक्ष ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ का लगाया आरोप

NCERT की नये शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में ‘महात्मा गांधी की मौत का देश में साम्पद्रायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया, और आरएसएस जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने नये शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिंदी के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किये हैं. जिसके बाद राजनीति शुरू हो गयी है. विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. दरअसल इतिहास के पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी, गोडसे और आरएसएस से जुड़े कुछ अंश हटाये गये हैं. जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया है.

12वीं की पाठ्यपुस्तक से गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता अवधारणा, आरएसएस पर प्रतिबंध के अंश हटे

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की नये शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में ‘महात्मा गांधी की मौत का देश में साम्पद्रायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं.

NCERT ने काटछांट से किया इनकार

जब इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा तो, एनसीईआरटी ने आरोप को खारिज कर दिया और कहा, इस वर्ष पाठ्यक्रम में कोई काटछांट नहीं की गई है और पाठ्यक्रम को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था. एनसीईआरटी ने साफ किया कि पिछले वर्ष पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और कुछ अंशों के अप्रसांगिक होने के आधार पर गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि के कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था. पाठ्यपुस्तक को युक्तिसंगत बनाने के नोट में महात्मा गांधी के अंश के बारे में कोई उल्लेख नहीं है.

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NCERT 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से गुजरात दंगों के अंश हटे

एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्र भारत में राजनीति भाग-2 में वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के अंश नहीं हैं हालांकि 1984 के सिख दंगों का उल्लेख है. इस पुस्तक में क्षेत्रीय आकांक्षाएं खंड में पंजाब के संदर्भ में 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख समुदाय के विरूद्ध भड़की हिंसा का उल्लेख किया गया है.

NCERT के निदेशक बोले- पाठ्यक्रम में कुछ अंश हटाये गये

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा, पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने के लिए कुछ अंश हटाये गये, जो पिछले वर्ष की गई थी. इस वर्ष जो कुछ हुआ है, वह नया नहीं है. कई पाठों में से कुछ अंशों को कम किया गया. उन्होंने कहा, पाठ्यपुस्तक में किये गए बदलावों के बारे में एक दो दिनों में अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.

NCERT ने कोविड-19 का दिया हवाला

एनसीईआरटी ने साथ किया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह महसूस किया गया कि छात्रों पर पाठ्यसामग्री के बोझ को कम किया जाए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पाठ्य सामग्री के बोझ को कम करने और रचनात्मक सोच का उपयोग करके अनुभव के आधार पर सीखने पर जोर दिया गया है. इस परिप्रेक्ष्य में सभी कक्षाओं में और सभी विषयों में पाठ्यपुस्तकों को युक्ति संगत बनाने का कार्य शुरू किया गया है.

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