Sushant Singh Rajput Death Case : शरद पवार ने कहा- सुशांत की आत्महत्या इतना बड़ा मुद्दा नहीं जितनी चर्चा हो रही
NCP chief Sharad Pawar said about Sushant Singh Rajput It is unfortunate that a person died by suicide, but why is it being discussed so much : सुशांत सिंह की मौत मामले में अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, लेकिन इसपर इतनी चर्चा क्यों? मुझे नहीं लगता कि यह इतना बड़ा मुद्दा है. एक किसान ने कहा कि 20 किसान ने आत्महत्या कर ली, लेकिन उसपर कोई बात नहीं कर रहा, फिर इस मुद्दे पर इतनी चर्चा क्यों?
मुंबई : सुशांत सिंह की मौत मामले में अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, लेकिन इसपर इतनी चर्चा क्यों? मुझे नहीं लगता कि यह इतना बड़ा मुद्दा है. एक किसान ने कहा कि 20 किसान ने आत्महत्या कर ली, लेकिन उसपर कोई बात नहीं कर रहा, फिर इस मुद्दे पर इतनी चर्चा क्यों?
शरद पवार ने कहा कि मैं पिछले 50 साल से महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को देख रहा है और मुझे इनपर विश्वास है. अगर कोई चाहता है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो तो मैं उसका विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन मुंबई पुलिस पर मेरा भरोसा है.
पोते पार्थ पवार द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर उन्होंने कहा कि वह अभी इमेच्योर है, उसकी बात को मैं महत्व नहीं देता. उसके पास अनुभव नहीं है. शिव सेना के संजय राउत ने उद्धव ठाकरे सरकार का समर्थन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ बिहार में प्रदर्शन जारी है. अब शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार का समर्थन किया है.
It is unfortunate that a person died by suicide, but why is it being discussed so much? I don't think it is such a big issue. A farmer told me that over 20 farmers have died by suicide, nobody spoke about it: NCP chief Sharad Pawar #SushantSinghRajputDeathCase https://t.co/LsHJ8gaQwr
— ANI (@ANI) August 12, 2020
सुशांत सिंह की मौत मामले में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गयी है. अब यह मामला दो राज्यों के बीच विवाद की वजह बन गया है. सुशांत सिंह की मौत मामले में बिहार पुलिस ने जिस तरह एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है, महाराष्ट्र सरकार उससे नाराज है और उसका कहना है कि उनकी जांच और सीबीआई जांच की सिफारिश दोनों अवैध है. बिहार पुलिस को जीरो एफआईआर दर्ज करना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
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Posted By : Rajneesh Anand