नई दिल्ली : देश में आम चुनाव या फिर लोकसभा चुनाव होने में कम से कम तीन साल बाकी है, लेकिन अभी ही से सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए राजनीतिक माहौल बनाना शुरू कर दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से शुरू किए गए ‘चक्रवर्ती अभियान’ में अभी तक तो विपक्ष धराशायी ही होता आया है. ऐसे में, अभी हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो के नई दिल्ली आवास पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में भाजपा को पटखनी देने के लिए रणनीति तैयार की गई है.
शुक्रवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है कि हालांकि, हमलोग इस पर चर्चा नहीं कर पाए, लेकिन मैं सोचता हूं कि हम सभी सामूहिक नेतृत्व की भूमिका पर जल्द ही फैसला कर लेंगे, जिसमें सबकी बराबर-बराबर की भूमिका होगा. उन्होंने कहा कि मैंने इस काम को बरसों तक किया, लेकिन फिलहाल मैं सबको साथ लेकर चलने, उनका मार्गदर्शन करने और उनको मजबूत करने पर काम करूंगा.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को साथ रखने को लेकर शरद पवार ने कहा कि वह उसे साथ लेकर चलेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई अल्टरनेटिव फोर्स खड़ी होगी, तो कांग्रेस को साथ रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक में (राष्ट्र मंच) गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन यदि वैकल्पिक ताकत खड़ी की जाएगी, तो कांग्रेस को साथ रखकर ही ऐसा किया जाएगा. हमें इस तरह की ताकत की जरूरत है और मैंने इसे बैठक में भी कहा था.
यह पूछे जाने पर कि क्या वैकल्पिक गठबंधन का चेहरा वह होंगे? पवार ने कहा कि हमने अभी इस पर चर्चा नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें सामूहिक नेतृत्व के साथ बढ़ना होगा. मैंने ऐसा सालों तक किया है, अभी हम सबको साथ रखकर काम करेंगे.
Posted by : Vishwat Sen