NCP Crisis: गेंद फिर से स्पीकर के पाले में, शिवसेना मामले पर अबतक नहीं ले पाये फैसला, एनसीपी का पता नहीं?
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने वाले अजित पवार तथा पार्टी के आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर उचित कदम उठाएंगे.
महाराष्ट्र एनसीपी में उठी बगावत की चिंगारी अब भीषण आग में बदल चुकी है. अजित पवार ने जहां एनसीपी पार्टी पर अपना कब्जा कर लिया है, तो दूसरी ओर शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल सहित सभी 9 बागी विधायकों पर बड़ी कार्रवाई की और पार्टी से निष्कासित कर दिया. एनसीपी ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के सामने सभी को अयोग्य ठहराने को लेकर याचिका दायर की है. हालांकि नार्वेकर के पास पहले से ही शिवसेना का मामला फंसा है, जिसपर अबतक फैसला नहीं सुनाया जा सका है.
क्या एनसीपी की याचिका पर जल्द फैसला लेंगे नार्वेकर?
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का शिवसेना को लेकर जो इतिहास रहा है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि एनसीपी का मामला भी लंबा खींच सकता. मालूम हो उद्धव ठाकरे गुट ने नार्वेकर के सामने एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिका दायर की है, जिसपर एक साल से मामला लटका हुआ है. दल बदल मामले को लेकर इसी साल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, जिसमें कोर्ट ने गेंद स्पीकर के पाल में डाल दिया था और फैसला लेने का निर्देश दिया था. लेकिन महीने भर से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी फैसला नहीं लिया जा सका है. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि स्पीकर को उचित अवधि के भीतर इस पर निर्णय लेना चाहिए.
अजित पवार, आठ अन्य विधायकों की अयोग्यता पर उचित कदम उठाऊंगा : महाराष्ट्र विस अध्यक्ष
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने वाले अजित पवार तथा पार्टी के आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर उचित कदम उठाएंगे. नार्वेकर ने कहा, मुझे राकांपा के नौ विधायकों को अयोग्य ठहराने के अनुरोध वाली जयंत पाटिल की याचिका मिली है. मैं उसे सावधानीपूर्वक पढ़ूंगा. मैं उसमें उल्लेखित बातों का अध्ययन करूंगा और याचिका पर उचित फैसला लूंगा. अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नए नेता की नियुक्ति पर फैसला लेना उनका विशेषाधिकार है.