NCP Crisis : ‘चुनाव चिह्न अजित के हाथों में नहीं जाने दूंगा’, इस हुंकार के साथ दिल्ली रवाना हुए शरद पवार
NCP Crisis : एनसीपी अपने गठन के 24 साल बाद दो जुलाई को टूट गयी, और पहली बार पार्टी की अलग-अलग बैठकें (दो गुटों की) हुई. शरद पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार की आलोचना की. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तंज कसे.
NCP Crisis : महाराष्ट्र में चाचा और भतीजे के बीच घमासान जारी है. इस बीच एनसीपी के संस्थापक और अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चिंता नहीं करने को कहा है. वाई बी चव्हाण केंद्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अब नये नेताओं की एक पीढ़ी तैयार करने का वक्त आ चुका है. पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर चाहे कोई भी दावा कर रहा हो, लेकिन इसे छीनना संभव नहीं है.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि विधायक आते हैं, और कहीं भी जा सकते हैं… शिकायत मत करो. वे जहां भी हों, उन्हें खुशी से रहने देना चाहिए…जब तक हम साथ हैं, आइए नेताओं की एक नयी पीढ़ी तैयार करने के लिए काम करें. शरद पवार समूह के शक्ति प्रदर्शन में 16 विधायक पहुंचे थे. इसमें पार्टी के फ्रंटल सेल के पदाधिकारियों ने भाग लिया. ताजा घटनाक्रम में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए शरद पवार महाराष्ट्र से दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं. आज की ये बैठक कई मायने में अहम मानी जा रही है.
मोदी बताते हैं एनसीपी को ‘भ्रष्ट’ पार्टी
अपने गुट की बैठक को संबोधित करते हुए शरद पवार ने सत्ता के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार पर जमकर हमला किया, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनसीपी को ‘भ्रष्ट’ पार्टी बताते हैं. यही नहीं शरद पवार ने अजित पवार गुट द्वारा उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करने को लेकर भी आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि यदि वो उधर चले गये हैं तो मेरी तस्वीर का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? मैं अपनी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उनके हाथों में नहीं जाने दूंगा.
पार्टी के चुनाव चिह्न पर क्या बोले शरद पवार
अजित पवार नीत गुट के निर्वाचन आयोग का रुख करने और पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा पेश करने को लेकर शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अपने समर्थकों को आश्वस्त किया कि वह किसी को भी पार्टी का चिह्न छीनने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों, उन्होंने (अजित ने) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने इतने साल में ऐसा मुख्यमंत्री कभी नहीं देखा, लेकिन आज उन्होंने उनसे हाथ मिलाने का काम किया.
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कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी का गठन
आपको बता दें कि शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी का गठन किया था. पुराने दिनों को उन्होंने याद किया और कहा कि आज हम सत्ता में नहीं हैं, लेकिन हम लोगों के दिलों में मौजूद हैं. अजित गुट को चेतावनी देते हुए शरद पवार ने कहा कि भाजपा के एक-एक सहयोगी ने ‘राजनीतिक तबाही’ का सामना किया है और उनका भी यही हश्र भविष्य में होगा.