Bhopal Hospital Fire मध्य प्रदेश में भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल की विशेष नवजात शिशु इकाई में सोमवार की रात को आग लगने से चार शिशुओं की मौत हो गई. हादसे के वक्त इकाई में 40 नवजात शिशु भर्ती थे. इस संबंध में न्यूज रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने स्वत: संज्ञान लिया.
बता दें कि हादसे में बचे 36 शिशुओं का दूसरे अलग-अलग वार्ड में उपचार किया जा रहा है. न्यज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एक से नौ दिन के इन नवजात शिशुओं के माता-पिता अपनी संतानों के दुनिया में आने से बेहद खुश थे और शायद इनके नाम रखने पर विचार कर रहे होंगे, लेकिन किसी को क्या पता था कि इस दुनिया में अब उन्हें केवल इरफाना का बच्चा, शिवानी का बच्चा, शाजमा का बच्चा और रचना का बच्चा के रूप में याद किया जायेगा.
National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) takes suo motu cognisance of the news report regarding death of four infants in SNCU of Kamla Nehru Children's hospital of Hamidiya hospital, Bhopal, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/Wq7V70MEaE
— ANI (@ANI) November 9, 2021
वहीं, इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर, जल चुके चिकित्सा उपकरणों की राख और कालिख वार्ड में हुई भीषण त्रासदी की दास्तां बताने के लिए पर्याप्त है. अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंचने वाले लोगों में शामिल प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने वार्ड के अंदर के दृश्य को बहुत डरावना बताया.
बताया जा रहा है कि भोपाल शहर में गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल के परिसर में स्थित कमला नेहरु बाल चिकित्सालय के एसएनसीयू में सोमवार रात आठ बजकर 35 मिनट पर आग लग गई. इस इमारत के दूसरी तरफ भोपाल की सुंदर बड़ी झील है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग की खबर फैलते ही अस्पताल में कोहराम मच गया और चिंतित माता-पिता और परिजन अपने बच्चों को लेने और उन्हें बचाने के लिए वार्ड में घुसने की कोशिश करने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
आग लगने के बाद धुआं वार्ड और इसके निकासी के रास्तों में भर गया. दमकलकर्मी डॉक्टर और नर्सों ने नवजात बच्चों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित करने का प्रयास किया और वह सभी 40 बच्चों को बाहर निकालने में सफल रहे, लेकिन उनमें से चार शिशु नहीं बच सके जो कि पहले से ही गंभीर स्थिति में थे. बाद में कुछ शिशुओं के माता-पिता ने अपने बच्चों को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया. सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना के एक वीडियो में एक स्ट्रेचर पर चार-पांच शिशुओं को एक साथ रखकर एक व्यक्ति अपने कंधों पर ऑक्सीजन का सिलेंडर ले जाते हुए दिखाई दे रहा है.
कुछ नाराज परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों को बचाने के बजाय अस्पताल के कर्मचारी वहां से भाग गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक माता-पिता अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे, जबकि कुछ अन्य अपने बच्चों के साथ अस्पताल से बाहर निकल आए. सारंग ने कहा कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और चार शिशुओं की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ितों के परिवार को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट में कहा कि बचाव अभियान तेजी से चलाया गया और आग पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि भोपाल के कमला नेहरु अस्पताल के शिशु वार्ड में आग की घटना दुखद है. घटना की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने इस घटना में झुलसे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
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