जेलों में बंद मुस्लिम कैदियों की संख्या में आई कमी, हिंदुओं की तादाद में हुआ इजाफा, NCRB की रिपोर्ट
NCRB Report: एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, एक ओर जहां भारतीय जेलों में मुस्लिम कैदियों की संख्या कम हुई है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू कैदियों की संख्या में इजाफा हुआ है. एनसीआरबी की इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिख कैदियों की संख्या भी बढ़ी है.
NCRB Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, एक ओर जहां जेलों में मुस्लिम कैदियों की संख्या कम हुई है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू कैदियों की संख्या में इजाफा हुआ है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जेलों में मुस्लिम कैदियों की संख्या 2021 में 18.7 फीसदी हो गई है. जबकि, 2020 में यह 20.2 प्रतिशत थी.
हिंदू कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज
इस संबंध में जारी किए गए एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जेलों में हिंदू कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. बताया गया कि हिंदू कैदियों की संख्या 2020 में 72.8 फीसदी थी, जबकि 2021 में इस संख्या में इजाफा हुआ है और अब यह 73.6 फीसदी हो गई है. वहीं, एनसीआरबी की इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिख कैदियों की संख्या भी बढ़ी है. हालांकि, ईसाइयों की कम दर्ज हुई है. बता दें कि जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 79.8%, मुसलमानों की 14.2%, सिखों की 1.72% और ईसाइयों की, 2.3% थी. वहीं, 2016 और 2021 के बीच जेलों में कैदियों की कुल संख्या 28% बढ़कर 4.33 लाख से 5.54 लाख हो गई है.
सबसे अधिक पढ़े लिखे कैदी यूपी की जेलों में बंद
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में सबसे अधिक पढ़े लिखे कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं. यूपी की जेलों में कैदियों को प्रबंधन कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस तरह के प्रशिक्षण देने के मामले में यूपी सबसे आगे पाया गया. आंकड़े के अनुसार, उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों को शिक्षा के साथ कम्प्यूटर प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा भी मिल रही है.
2021 में जेल ब्रेक की घटना को लेकर सामने आई ये रिपोर्ट
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में यूपी में एक भी जेल ब्रेक की घटना नहीं हुई. जबकि, महाराष्ट्र में 5 और राजस्थान में 6 जेल ब्रेक की घटनाएं देखी गईं. यहां पर सीसीटीवी की 24 घंटे निगरानी होती है. इसके अलावा, एनसीआरबी ने अपराधों को लेकर भी आंकड़े जारी किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान दूसरे पायदान पर है.