NDA Meeting : एनडीए की बैठक आज, चंद्रबाबू नायडू ने सभी टीडीपी सांसदों को शामिल होने को कहा
NDA Meeting : नरेंद्र मोदी को नेता चुनने के लिए एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक होने वाली है जिसपर सबकी नजर बनी हुई है. इसके साथ ही मोदी का लगातार तीसरी बार पीएम बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
NDA Meeting : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) फिर एक बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. इसको लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की आज बैठक है. एनडीए के नवनिर्वाचित सांसद नई दिल्ली में बैठक कर नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन सकते हैं. तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने कथित तौर पर सभी पार्टी सांसदों को नई दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया है.
बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को नेता चुनने के लिए शुक्रवार को यानी आज एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक होगी. इसके साथ ही मोदी का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. शपथ ग्रहण समरोह का आयोजन रविवार को किया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर चल रही है कि मोदी के एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. ये राष्ट्रपति को समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे.
रविवार को शपथ ले सकते हैं नरेंद्र मोदी
सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी संभवत: रविवार को शपथ ले सकते हैं, हालांकि अभी आधिकारिक जानकारी इसको लेकर सामने नहीं आई है. एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से अधिक है. इधर, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दिनभर बैठक की और सरकार गठन को लेकर बातचीत की. बैठक बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के आवास पर हुई. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
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इन दो दलों पर बीजेपी निर्भर
इस बार के लोकसभा चुनाव की बात करें तो जदयू का प्रदर्शन ठीक रहा है. उसने 12 सीटों पर जीत का परचम लहराया है जबकि तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी की 16 सीटों के बाद जदयू बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है. नई सरकार के अस्तित्व के लिए बीजेपी को इन दोनों दलों पर निर्भर रहना होगा.