नीलकंठ भानु दुनिया के सबसे तेज ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’, बचपन में लगी एक चोट के कारण हुआ गणित से प्यार
Neelakantha Bhanu Prakash, world fastest human calculator: हैदराबाद के रहने वाले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में गणित के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश ने शकुंतला देवी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया के सबसे तेज 'ह्यूमन कैलकुलेटर' का खिताब जीता है. 20 वर्षीय नीलकंठ ने हाल ही में लंदन में आयोजित माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में मानसिक गणना विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता.
Neelakantha Bhanu Prakash, world fastest human calculator: हैदराबाद के रहने वाले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में गणित के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश ने शकुंतला देवी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया के सबसे तेज ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’ का खिताब जीता है. 20 वर्षीय नीलकंठ ने हाल ही में लंदन में आयोजित माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में मानसिक गणना विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 13 साल से 57 साल की उम्र तक 29 प्रतियोगियों को पछाड़ा, मैंने 65 अंकों के स्पष्ट अंतर के साथ स्वर्ण पदक जीता. जज मेरी गति से मंत्रमुग्ध थे, उन्होंने मुझे अपनी सटीकता की पुष्टि करने के लिए अधिक गणना करने को कहा.” द माइंड स्पोर्ट ओलंपियाड को यूके, जर्मनी, यूएई, फ्रांस, ग्रीस और लेबनान के 30 प्रतिभागियों के साथ खेला गया था. नीलकंठ ने आगे कहा कि मेरे नाम दुनिया में ‘सबसे तेज मानव कैलकुलेटर’ होने के लिए चार विश्व रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड दर्ज हैं.
कैसे हुआ मैथ से प्यार
आपको लग रहा होगा नीलकंठ जन्म से मैथ्स जीनियस हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. बीबीसी के मुताबिक, गणित के साथ उनके इस सफ़र की शुरुआत पांच साल की उम्र में हुई. तब उनके साथ एक दुर्घटना हो गई थी. उनके सिर में चोट लगी और वो एक साल के लिए बिस्तर पर रहे.
उसी दौरान वो अपने दिमाग को व्यस्त रखने के लिए मेंटल मैथ्स कैलकुलेशन करना शुरू किया. बचपन में भानु स्कूल से आने के बाद छह से साथ घंटों तक प्रेक्टिस करते थे. लेकिन चैम्पियनशिप्स जीतने और रिकॉर्ड बनाने के बाद से वो हर दिन इतनी फॉर्मल प्रेक्टिस नहीं करते हैं. इसके बजाए अब वो अलग तरह से प्रेक्टिस करते हैं, जिसमें वो कहते हैं कि मैं हर वक़्त अंकों के बारे में सोचता रहता हूं.
भानु बताते हैं कि वो तेज़ संगीत बजाकर प्रेक्टिस करते हैं, इस बीच लोगों से बात करना, मिलना जुलना, क्रिकेट खेलना इत्यादि बी करते हैं. उनके मुताबिक, इससे आपका दिमाग एक वक़्त में कई सारी चीज़ें एक साथ करने के लिए अभ्यस्त होता है.
आपका शरीर कुछ अकल्पनीय कर सकता है
नीलकंठ भानु प्रकाश मेंटल मैथ्स की तुलना स्प्रिंटिंग से करते हैं. वो कहते हैं कि तेज दौड़ने वालों पर कोई सवाल नहीं उठाता, लेकिन मेंटल मैथ्स को लेकर हमेशा सवाल उठते हैं.उन्होंने बीबीसी से कहा यूसेन बोल्ट जब 9.8 सेकेंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी कर लेते हैं तो हम उनकी तारीफों के पुल बांधते हैं. लेकिन ये नहीं कहते कि कारों और विमानों की दुनिया में किसी के तेज भागने का क्या तुक है. ये लोगों को प्रेरित करता है कि आपका शरीर कुछ अकल्पनीय कर सकता है और कैलकुलेशन और गणित के मामले में भी यही होता है.
Posted By: Utpal kant