JEE Main and NEET 2020 Exam: जेईई और नीट (NEET-JEE Exam) परीक्षा के आयोजन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. कांग्रेस ने आज ही परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन किया है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी इच्छा के अनुसार कदम उठाना चाहिए. सोनिया ने कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट्स सेफ्टी’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा, ‘मुझे इसका अहसास है कि आप (छात्र) मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. आपकी परीक्षा के मुद्दे को सबसे अधिक महत्व मिलना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है. आप हमारा भविष्य हैं. हम बेहतर भारत के निर्माण के लिए आप पर निर्भर हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के भविष्य से जुड़ा कोई फैसला उनकी सहमति के आधार पर होना चाहिए. सोनिया ने कहा, ‘आशा करती हूं कि सरकार आपकी आवाज सुनेगी और आपकी इच्छा के अनुसार कदम उठायेगी. सरकार को मेरी यही सलाह है.’
सोनिया के इस वीडियो संदेश को कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है. एक मिनट से भी कम समय के इस वीडियो संदेश में सोनिया का पूरा जोर है कि दोनों परीक्षाओं के आयोजन से पहले विद्यार्थियों की राय जान लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार आपकी बात को सुनेगी और उसके अनुसार काम करेगी. कांग्रेस शुरू से ही परीक्षा के आयोजन के खिलाफ आवाज उठा रही है.
बता दें कि आज सुबह से ही कांग्रेस पार्टी की ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #SpeakUpForStudentSafety कैंपेन चलाया जा रहा है. सोनिया गांधी से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से भी ट्वीट कर संदेश जारी किया गया परीक्षा रद्द करने की मांग की गयी. राहुल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘प्रिय छात्रों, आप इस देश का भविष्य हैं और आप लोग ही भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जायेंगे. हर व्यक्ति समझता है कि पिछले तीन-चार महीनों में क्या हुआ. हर कोई समझता है कि कोविड संकट से सही ढंग से निपटा नहीं गया. आर्थिक तबाही हुई, लोगों को दर्द हुआ है.’
राहुल ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि लोगों को आगे और तकलीफ क्यों दी जाए? मैं नहीं समझता कि आपने क्या गलत किया है? स्पष्ट तौर पर देख सकता हूं कि सरकार अक्षम रही है. सरकार को क्यों आप पर कुछ थोपना चाहिए? सरकार को आपको सुनना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘कोई भी निर्णय सभी से बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए. सरकार को सहमति बनानी चाहिए.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत सरकार से मेरा कहना है कि आप पहले ही पर्याप्त तबाही कर चुके हैं. आपने छात्रों को आहत किया है. आप देश के छात्रों को सुनिए और फिर शांतिपूर्वक समाधान निकालिए.’
प्रियंका ने कहा, ‘कोरोना के बढ़ते संक्रमण के माहौल में जेईई-नीट परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिवावकों की बात सुनना जरूरी है. ये बच्चे देश का भविष्य हैं. छात्र-छात्राओं की चिंताओं को संवेदना से देखना होगा न कि हठ और राजनीतिक दृष्टि से.’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि छात्रों की आवाज अनसुनी नहीं की जाए और राजनीति से इतर फैसला किया जाए. गौरतलब है कि जेईई (मेन) परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराने का कार्यक्रम है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.