EWS की सालाना आय की सीमा तय करने के लिए समिति गठित होगी, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

NEET में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने लिए आठ लाख की सालाना आय की सीमा पर केंद्र सरकार एक बार फिर विचार करेगी. उक्त बातें केंद्र सरकार की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में कही गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2021 4:04 PM
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NEET में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने लिए आठ लाख की सालाना आय की सीमा पर केंद्र सरकार एक बार फिर विचार करेगी. उक्त बातें केंद्र सरकार की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में कही गयी.

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि वह ईडब्ल्यूएस (EWS) श्रेणी निर्धारित करने के लिए मानदंड तय करने के लिए एक समिति गठित करेगी और इस समिति को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की सालाना आय तय करने के लिए चार हफ्तों का वक्त चाहिए.

जब तक ईडब्ल्यूएस कैटगरी तय करने का पैमाना निर्धारित नहीं हो जाता है तब तक नीट की काउंसिलिंग को चार सप्ताह के लिए स्थगित किया जाता है.

  • नीट की काउंसिलिंग चार सप्ताह के लिए स्थगित

  • ईडब्ल्यूएस (EWS) श्रेणी तय करने के लिए समिति गठित

  • केंद्र सरकार ने नीट में दिया है ओबीसी को 27 और EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण

NEET में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण

गौरतलब है कि इस वर्ष जुलाई महीने में सरकार ने नीट में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस कैटगरी को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की गयी थी. सरकार की इस घोषणा का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है, जिसमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था को चुनौती दी गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सालाना आय आठ लाख कैसे तय किया गया

याचिका में यह पूछा गया है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण किस आधार पर दिया जा रहा है और उनके लिए सालाना आय की सीमा आठ लाख क्यों रखी गयी गयी है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से यह सवाल भी पूछा था कि परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर आरक्षण का दावा करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)के लिए एक मापदंड के रूप में आठ लाख रुपये वार्षिक आय को कैसे तय किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने यह मापदंड तय करने के पीछे के कारणों की व्याख्या करने को कहा था.

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जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज से पूछा था कि आठ लाख आय को मापदंड बनाने के लिए आपने क्या जांच की या फिर आपने ओबीसी पर लागू होने वाले मापदंड को यहां भी आजमाया है. अभी देश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमी लेयर तय करने के लिए सालाना आय की सीमा आठ लाख रुपये है.

Posted By : Rajneesh Anand

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