NEET-UG 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में पहली बार हुआ है. इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों को टॉप रैंक प्राप्त करने में मदद मिली.
डेटा एनालिसिस में परीक्षा में अनियमितता के संकेत नहीं
केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा एनालिसिस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में अनियमितता के संकेत नहीं मिले. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रहे चार चरणों में की जाएगी.
एनटीए के हलफानमे में भी कदाचार के संकेत नहीं
एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा, डेटा एनालिसिस के अनुसार अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और बताया गया कि अंक देने में किसी भी बाहरी द्वारा प्रभावित नहीं किया गया. एनटीए ने कोर्ट को प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी.
क्या है पूरा मामला
नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में पहली बार हुआ. इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली. एनटीए द्वारा एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद, नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.