NEET-UG 2024 Row: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय समिति ने अपनी पहली बैठक सोमवार शाम को की. राधाकृष्णन ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता देशभर के छात्रों और अभिभावकों से उनकी चिंताओं और सुझावों को जानना है. जहां तक संभव हो व्यक्तिगत रूप से या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से उनसे जुड़ने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारे लिए अगली प्राथमिकता परीक्षा शुरू करने के लिए शीघ्रता से एक मजबूत प्रणाली बनाना है. हम भविष्य को ध्यान में रख रहे हैं. विशेष रूप से देश में एक मजबूत प्रणाली, त्रुटिरहित प्रणाली और एक ऐसी प्रणाली विकसित करने पर गौर कर रहे हैं जो छात्रों की परेशानी और तनाव को कम करेगा.
समिति परीक्षा कागज और कंप्यूटर के जरिए कराए जाने पर भी कर रही विचार
समिति मौजूदा स्थिति और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों का जायजा लेगी. समिति को एजेंसी की मौजूदा प्रक्रियाओं और कामकाज से अवगत कराया गया. समिति ने एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं और प्रत्येक परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के बारे में उपलब्ध कराये गए आंकड़ों पर भी गौर किया. समिति ने इस बात पर भी गौर किया कि कौन सी परीक्षा कागज और कलम के जरिये और कौन सी परीक्षा कंप्यूटर के जरिये कराई जाए.
‘डार्कनेट’ पर भी चर्चा
बैठक के दौरान समिति ने साइबर सुरक्षा के मुद्दों और ‘डार्कनेट’ द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की, जहां यूजीसी-नेट परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. नेट परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसके अगले ही दिन शिक्षा मंत्रालय ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था. मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, समिति द्वारा सुझाये गये सुधारों को अगले सत्र की परीक्षा में लागू किये जाने की संभावना है. समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी और हम अगले सत्र की परीक्षा तक सुधारों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेंगे.
परीक्षा सुधार के लिए केंद्र ने बनाई कमेटी
मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) और पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा ‘नेट’ में कथित गड़बड़ी के बीच, केंद्र ने एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को एक समिति गठित की थी. समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर अपने सुझाव देगी. समिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी जे राव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के. राममूर्ति शामिल हैं.