NEET-UG Paper Leak: नीट परीक्षा मुद्दे को लेकर धर्मेंद्र प्रधान का कांग्रेस पर प्रहार

Neet Paper Leak: प्रधान ने कहा, "सरकार की ओर से मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं

By Mohit Dalal | June 29, 2024 9:21 PM

NEET-UG Paper Leak: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया है और कहा कि कांग्रेस चर्चा नहीं चाहती ,वह केवल अराजकता और भ्रम चाहती हैं. नीट पेपर लीक मामले पर चर्चा को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि “कांग्रेस चर्चा नहीं चाहती और वे इससे भाग रहे हैं, वे केवल अराजकता और भ्रम चाहते हैं और संस्थागत तंत्र के पूरे कामकाज में बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं. कांग्रेस जिस पर चर्चा करना चाहती है उसको लेकर राष्ट्रपति ने खुद सबका ध्यान आकर्षित किया है , जिसमें उन्होंने प्रक्रिया की कमियों और चुनौतियों को स्वीकार किया है और कहा है कि हमें उन पर गौर करना होगा,”. शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा संसद में विरोध प्रदर्शन और हंगामें के एक दिन बाद आई है, जिसमें नीट परीक्षा में हुई धांधली पर चर्चा की मांग की गई थी. जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

प्रधान ने कहा, “सरकार की ओर से मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस छात्रों के मुद्दे को सुलझाना नहीं चाहती, वे चाहते हैं कि मामला ऐसे ही बना रहे. हालांकि ऐसे मुद्दे 2014 से पहले भी सामने आए हैं, लेकिन मैं इसे उचित नहीं ठहरा सकता”.

Neet Paper Leak: समाधान के लिए बनाया है नया कानून

मंत्री ने कहा, “एनटीए को नया नेतृत्व मिला है और इसरो के पूर्व अध्यक्ष के राधाकृष्णन के नेतृत्व में एनटीए में सुधार शुरू किए गए हैं, हमने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक नया कानून बनाया है, और ये पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है, जिन परीक्षाओं को स्थगित या रद्द कर दिया गया था कल उनकी नई तारीखों की घोषणा की गई और नीट-पीजी की नई तारीखों की घोषणा सोमवार-मंगलवार तक की जाएगी”.

गौरतलब है की नीट परीक्षा में हुए धांधली को लेकर हुए हंगामे के बाद सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक को बदल दिया था और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाने और एनटीए की संरचना और संचालन की समीक्षा करने की सिफारिश करने के लिए 22 जून को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था.

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