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त्योहारी सीजन में लापरवाही पड़ सकती है भारी, केरल में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले, 1.45 एक्टिव केस

नयी दिल्ली : त्योहारों और शादी विवाह के सीजन में लापरवाही आम लोगों के लिए भारी पड़ सकती है. कोरोना की दूसरी लहर अब भी तबाही मचा रही है, जबकि कई राज्यों के आंकड़े फिर से बढ़ने लगे हैं. केरल की ही बात करें तो एक समय था जब केरल ने महामारी पर पूरी तरह लगाम लगा दिया था.

नयी दिल्ली : त्योहारों और शादी विवाह के सीजन में लापरवाही आम लोगों के लिए भारी पड़ सकती है. कोरोना की दूसरी लहर अब भी तबाही मचा रही है, जबकि कई राज्यों के आंकड़े फिर से बढ़ने लगे हैं. केरल की ही बात करें तो एक समय था जब केरल ने महामारी पर पूरी तरह लगाम लगा दिया था. लेकिन एक बार फिर केरल से काफी संख्या में नये मामले सामने आने लगे हैं.

बुधवार को देशभर में कोरोना संक्रमण के 43,654 नये मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं एक दिन में 640 और लोगों की मौत हो गयी है. कुल मामलों में से 22,129 नये मामले अकेले केरल से आये हैं. देश में करीब 4 लाख के आसपास एक्टिव मामले बचे हैं. इसमें से 1.45 एक्टव केस केरल में हैं. वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों की लापरवाही भारी पड़ रही है. कोई भी वैक्सीन कोरोना से संक्रमित नहीं होने का दावा नहीं करता है.

मंगलवार को नये मामलों में थोड़ी राहत भरी खबर थी. एक दिन में 30 हजार से कम केस सामने आये थे. वहीं बुधवार को एक बार फिर 40 हजार से ज्यादा नये मामले दर्ज किये गये हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील कर रहा है. मंत्रालय ने एक मंत्र दिया है कि एक भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है, जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं.

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त्योहारों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना न भूलें

स्थिति सामान्य होने के बाद कई राज्यों में लोगों की अप्रत्याशित भीड़ देखने को मिल रही है. कई राज्यों ने पूरी पाबंदियां हटा ली हैं, ऐसे में आम लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने पिछले दिनों कहा था कि हम अपनी आदतों से कोरोना की तीसरी लहर को दावत दे रहे हैं. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना केवल अपनी ही नहीं दूसरों की जान भी खतरे में डालना है.

अगस्त महीना शुरू होने वाला है. सावन चल रहा है. मंदिरों में सोमवार को श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. अगस्त में सावन के अलावा कई व्रत एवं त्योहार भी हैं. कामिका एकादशी, कृष्ण प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि, हरियाली तीज, नगापंचमी, श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत, ओणम पर्व, रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी का त्योहार हैं. त्योहारों में संयम बेहद जरूरी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर स्वयं नहीं आयेगी. इसे जब हम अपने आचरणों से आमंत्रित करेंगे, तभी यह आयेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी मंगलवार को कहा कि जिन 22 राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां की राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं. यह देखने का प्रयास किया जा रहा है कि चूक कहां पर हुई है.

क्या है कोरोना प्रोटोकॉल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोनावायरस संक्रमण को कम करने के लिए कुछ प्रोटोकॉल बनाये हैं, जो आम लोगों को पालन करना जरूरी बताया गया है. इसमें सबसे अहम सोशल डिस्टैंसिंग का है. सामाजिक दूरी का पालन करने की सलाह हमेशा से दी जाती है. इसके बाद सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य बनाया गया है. कई राज्यों ने तो मास्क नहीं लगाने वालों से जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान किया है.

सभी को भीड़ से बचने की सलाह दी गयी है. इसके साथ ही बार बार साबुन से हाथ धोने को कहा जा रहा है. मंत्रालय लोगों से लगातार कह रहा है कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है. इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल के पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सरकार लोगों को वैक्सीन लगवाने की भी अपील कर रही है. सरकार ने कहा है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी प्रकार के अफवाह पर ध्यान न दें.

Posted By: Amlesh Nandan.

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