Nagaland CM Oath Ceremony: एनडीपीपी के नेता नेफ्यू रियो ने मंगलवार को पांचवें कार्यकाल के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. सीएम पद की शपथ के बाद तदितुई रंगकौ जेलियांग और यानथुंगो पैटन ने नगालैंड के उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ली. वहीं, जी काइतो ऐ, जैकब झिमोमी, केजी केन्ये, पी पैवांग कोन्याक, मेत्सुबो जमीर, तेमजेन इम्ना अलोंग, सीएल जॉन, सलहौतुओनुओ क्रूस और पी बशांगमोंगबा चांग सहित 9 विधायकों ने नगालैंड कैबिनेट में मंत्रियों के रूप में शपथ ली. नगालैंड के कोहिमा में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मंच पर मौजूद रहें.
नेफ्यू रियो के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करने के साथ ही नगालैंड में एक बार फिर से एनडीपीपी और बीजेपी (NDPP-BJP) गठबंधन की सरकार बन गई है. राज्य में नेफ्यू रियो ने 5वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण किया. बताते चलें कि नगालैंड की 60 सीटों वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीपीपी-बीजेपी ने 37 सीटें जीती थीं, जिनमें से NDPP ने 25 और बीजेपी ने 12 सीट हासिल की थीं. वहीं, एनसीपी ने 7 सीट, एनपीएफ ने 5 और नगा पीपुल्स फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी और आरपीआई ने 2-2 सीट जीती थीं.
Neiphiu Rio sworn in as Chief Minister of Nagaland for the fifth time
PM Modi, Union Home Minister Amit Shah and Nagaland Governor La Ganesan, BJP President JP Nadda and Assam CM Himanta Biswa Sarma witness the oath-taking ceremony in Kohima pic.twitter.com/e9S2gohQoR
— ANI (@ANI) March 7, 2023
एनडीपीपी के नेता नेफ्यू रियो का जन्म कोहिमा जिले के तुफेमा गांव में हुआ था और इन्होंने पश्चिम बंगाल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. अंगामी नागा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले रियो ने बाद में कोहिमा आर्ट्स कॉलेज से स्नातक किया. छात्र जीवन से ही वे राजनीति से जुड़े हुए थे. उन्होंने नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने से पहले कई प्रतिष्ठित संगठनों का नेतृत्व भी किया है. नेफ्यू रियो साल 1974 में कोहिमा जिला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) यूथ विंग के अध्यक्ष बने. नेफ्यू रियो साल 1984 में उत्तरी अंगामी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष बने. नेफ्यू रियो भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी नागालैंड शाखा के मानद उपाध्यक्ष भी रहे. साल 1993 में रियो को निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस (आई) का उम्मीदवार चुना गया था.
कांग्रेस नेता के रूप में रियो 1988 से 2002 तक नागालैंड के गृहमंत्री रहे है. वहीं, साल 2014 तक रियो सांसद भी रहे, लेकिन साल 2017 में उन्होंने इस्तीफा देकर विधानसभा का रूख किया था. साल 2002 में नागालैंड की समस्या पर तत्कालीन सीएम एससी जमीर से मतभेद होने पर पार्टी छोड़ी और नागा पीपुल्स फ्रंट ज्वाइन करके सफलता की नई कहानी लिखी. इन्होंने ही डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड (DAN) का गठन किया, जिसने 2003 में विधानसभा चुनाव जीता और नागालैंड से कांग्रेस की दस साल की हूकूमत को खत्म किया.