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नेपाल में 2015 की तरह एक और विनाशकारी भूकंप की चेतावनी, जमीन के अंदर बढ़ी हलचल

Nepal, warns of another devastating earthquake, like 2015, University of Alberta researchers claim : कोरोना संकट के बीच नेपाल को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि नेपाल में 2015 की ही तरह एक बार फिर विनाशकारी भूकंप आ सकता है, जिससे भारी नुकसान हो सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं के दावे ने सबकी चिंता बढ़ा दी है.

नयी दिल्ली : कोरोना संकट के बीच नेपाल को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि नेपाल में 2015 की ही तरह एक बार फिर विनाशकारी भूकंप आ सकता है, जिससे भारी नुकसान हो सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं के दावे ने सबकी चिंता बढ़ा दी है.

शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि नेपाल में 2015 की तरह भयानक भूकंप आ सकता है. उन्होंने जमीन के अंदर से आ रही अजीबो-गरीब आवाजों से यह अनुमान लगाया कि एक बार फिर नेपाल बड़े भूकंप की चपेट में आ सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं ने नेपाल में पेट्रोल की खोज के समय जमीन के अंदर से अलग तरह की आवाजें सुनीं. उन्होंने इन आवाजों, जमीन की परत और टेक्टोनिक प्लेट्स में लगातार हो रहे बदलावों के आधार पर यह दावा किया है.

एक शोधकर्ता माइक डुवाल ने दावा किया है कि उनकी टीम ने नेपाल के हिमालयी क्षेत्र के जमीन के अंदर हो रहे बदलाओं को रिकॉर्ड किये हैं. दावा किया जा रहा है कि भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित नेपाल के दक्षिण-पश्चिम इलाके हो सकते हैं.

इस दावे के इतर 2015 के बाद से अबतक कोई बड़े भूकंप के झटके महसूस नहीं किये गये हैं, हालांकि यह बताया जा रहा है कि वहां की धरती के निचे लगातार हलचल रिकॉर्ड किये जा रहे हैं और उसी के आधार पर ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि भविष्य में नेपाल पर भूकंप का खतरा बना हुआ है.

2015 के भूकंप से नेपाल में हुई थी भारी तबाही

गौरतलब है कि 2015 में आये भूकंप से नेपाल में भारी तबाही मची थी. 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 बजे आये 7.9 तीव्रता वाले भूकंप से करीब 9000 लोगों की जान चली गयी थी. भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर दूर लमजुंग में था. जिसकी गहराई लगभग 15 किमी नीचे थी. उस भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये. नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत हुई थी.

मिजोरम में इस साल तबतक 22 बार और दिल्ली में 20 बार आ चुका है भूकंप

मिजोरम इस साल 18 जून के बाद से 22 भूकंप आए हैं. उसी तरह अप्रैल से लेकर अब तक दिल्ली और इसके आसपास 20 बार भूकंप आ चुका है जिनमें से दो की तीव्रता 4 से ऊपर थी. विभिन्न भूकंप का इतिहास बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था. मथुरा में सन 1803 में 6.8 तीव्रता, सन 1842 में मथुरा के पास 5.5 तीव्रता, बुलंदशहर के पास 1956 में 6.7 तीव्रता, फरीदाबाद में 1960 में 6 तीव्रता और मुरादाबाद के पास 1966 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था. दिल्ली-एनसीआर की पहचान दूसरे सर्वाधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्र के रूप में की गई है.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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