उत्तराखंड के बनबसा में नेपाली नागिरकों ने किया अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
उत्तराखंड के बनबसा में नेपाली श्रमिकों ने चंपावत में नेपाल सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए यह आरोप लगाया है कि नेपाल उन्हें वापस लाने की अनुमति नहीं दे रहा है.वहीं, एसीडीएम दयानंद सरस्वती ने बताया लगभग 500 लोग यह एकत्र हुए है.हमने नेपाल सरकार को सूचित किया है लेकिन हम डीएम के निर्देशानुसार काम करेंगे.
देहरादून : उत्तराखंड के बनबसा में नेपाली श्रमिकों ने चंपावत में नेपाल सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए यह आरोप लगाया है कि नेपाल उन्हें वापस लाने की अनुमति नहीं दे रहा है.वहीं, एसीडीएम दयानंद सरस्वती ने बताया लगभग 500 लोग यह एकत्र हुए है.हमने नेपाल सरकार को सूचित किया है लेकिन हम डीएम के निर्देशानुसार काम करेंगे.
गौरतलब है कि गुरूवार को बनबसा में जमकर हंगामा किया.उन्होंने कहा भारत सरकार हमारे लिए तमाम प्रयास कर रही है.हमें आज तक खाने और रहने के लिए जगह दी जा रही है.लेकिन अब यहां नेपाली नागरिकों की संख्या बढ़ गयी है.इससे प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं बाधित हो रही है.जिसको देखते हुए हमने नेपाल सरकार से वापसी के लिए जल्द प्रबंध करने की बात की है.
Uttarakhand: Nepali workers in Banbasa, Champawat protest against Nepal Government alleging that Nepal is not allowing them to return. Dayanand Saraswati, SDM says, "Around 500 people have gathered here, we have informed Nepal. We will work as per the instructions of DM". pic.twitter.com/ucFnvbk0ep
— ANI (@ANI) May 21, 2020
इधर नेपाल के नागिरकों को लेकर भाजपा सांसद अजय भटट् ने बयान दिया है कि नेपाल सरकार ने अभी तक अनुमति नहीं दी है.ये लोग नेपाल से होने के बावजूद यह कहते हुए यहां से गुजर रहे है कि हम इसी क्षेत्र के रहने वाले है. मैनें राज्य के एसओएम से बात की है, इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह से भी बात करूंगा.
Also Read: Airlines In India: फ्लाइट किराए पर होगा नियंत्रण, वेब चेकइन सहित इन शर्तों का भी करना होगा पालनउत्तराखंड में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है.बुधवार को राज्य में 15 नए मामले सामने आए है. जिनमें चार मामले ऊधमसिंह नगर, दो उत्तरकाशी, एक हरिद्वार, एक अल्मोड़ा, दो नैनीताल और पांच टिहरी जिले में सामने आया है. इसके बाद प्रदेश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 128 हो गया है. हालांकि इनमें से 55 लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं.