दिल्ली के इंडिया गेट पर ‘नेताजी’ की प्रतिमा स्थापित करने के मोदी सरकार के फैसले से सुभाष चंद्र बोस का परिवार खुश है. महान स्वंतत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने कहा है कि सुभाष चंद्र बोस भारतीयों के दिलों में रहते थे और रहते हैं… वे आगे भी देश के लोगों के दिलों में रहेंगे. अनिता बोस फाफ ने यहां इंडिया गेट पर नेताजी की एक विशाल प्रतिमा स्थापित किये जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत भी किया है.
अंग्रेजी नयूज चैनल इंडिया टुडे से बात करते हुए बोस परिवार के वरिष्ठ सदस्य सुगाता बोस ने मामले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मैं इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा का स्वागत करता हूं. मैं केवल इतना कहूंगा की महान और सच्चे लोगों के विरासत को बचाए रखने के लिए स्मारकों की जरूरत देश में है.
इधर तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए राष्ट्रवादी नेता बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को खारिज किए जाने के बाद हो रही आलोचना का मुकाबला करने के लिए यह कदम उठाया है. तृणमूल ने कहा कि यदि केंद्र सरकार नेताजी के लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए कदम उठाती तो यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होती.
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि क्योंकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को खारिज करने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, इसलिये केंद्र ध्यान हटाने का प्रयास कर रहा है. इसी कोशिश में नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. लेकिन हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं. साथ ही, , हमें लगता है कि यदि केंद्र सरकार नेताजी के लापता होने के रहस्य को उजागर करने के लिए कदम उठाती तो यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होती.
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्वतंत्रता सेनानी बोस सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी. इससे पहले गत रविवार को मोदी को लिखे एक पत्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बोस और उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना पर आधारित राज्य की झांकी को अस्वीकार करने पर “हैरानी” व्यक्त की थी. इसमें रवींद्रनाथ टैगोर, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद और श्री अरविंद जैसी अन्य बंगाली हस्तियों को भी जगह दी गई थी.
भाषा इनपुट के साथ