-
ज्यादा खतरनाक है कोरोना वायरस का नया भारतीय स्ट्रेन
-
आसान नहीं है वायरस के खिलाफ झुंड प्रतिरक्षा हासिल करना
-
नये स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है कोरोना का टीका
महाराष्ट्र में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आयी है. महाराष्ट्र में हर रोज औसतन 5 से 6 हजार कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं. इधर केरल में भी कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आयी है. यहां से हर रोज औसतन 4-5 हजार कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं. इन सबके बीच एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का नया भारतीय स्ट्रेन पाया गया है. जो पहले वाले कोरोना वायरस से ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला और ज्यादा खतरनाक है.
एक निजी चैनल से बातचीत नें एम्स निदेशक ने कहा कि झुंड प्रतिरक्षा (Herd Immunity) एक मिथक है क्योंकि देश की पूरी आबादी की रक्षा के लिए कम से कम 80 फीसदी लोगों में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी की आवश्यकता है. साथ ही कहा कि कोरोना का नया स्ट्रेन उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित की है.
Also Read: Lockdown News : फिर लगेगा लॉकडाउन ? महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी, विशेषज्ञों ने कही ये बात
डॉ रणदीप गुलेरिया का बयान ऐसे समय में आया है जब देश के पांच राज्यों महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आयी है. इधर केंद्र सरकार ने भी तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन श्रमिकों को टीकाकरण करने की योजना बनायी है. इसके बाद 50 वर्ष की आयु के 27 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जायेगा.
झुंड प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पूछे जाने पर डॉ गुलेरिया ने कहा कि झंड प्रतिरोधक क्षमता हासिल करना आसान नहीं है. क्योंकि कोरोना वायरस खुद में बदलाव कर रहा है. इसके कारण वह उस व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है जिसने दवा या टीकाकरण के जरिये रोग के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है. इसके कारण वह व्यक्ति भी फिर से कोरोना संक्रमित हो सकता है. बताया जा रहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण के 240 नये स्ट्रेन का पता चला है.
वैक्सीनेशन के बारें बताते हुए एम्स निदेशक ने कहा कि भारत मे कोरोना वैक्सीनेशन कोरोना के नये स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है. पर उनकी क्षमता में कमी आ सकती है. उदाहरण के लिए बात करें तो लोग बीमारी की चपेट में आ जायेंगे, पर उनमें उसका असर हल्का होगा. पर फिर भी कोरोना का टीका लेना अनिवार्य है.
Posted By : Pawan Singh